इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की लखनऊ कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह ने कहा है कि डॉक्टरों की सुरक्षा अवश्य होनी चाहिये, क्योंकि वकील अपने मुकदमे और डॉक्टर अपने मरीज की जान हारना नहीं चाहता है, परिणाम का भगवान मालिक होता है। मैं आश्वासन देता हूं कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और छोटे अस्पतालों को क्लीलिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट के दायरे से बाहर रखने की चिकित्सकों की मांगों पर आने वाली कैबिनेट में प्रस्ताव रखूंगा तथा मुख्यमंत्री को डॉक्टरों की जायज मांगों के बारे में बताउंगा।
श्री सिंह ने यह आश्वासन रविवार को यहां आईएमए भवन में वर्ष 2019 के लिए चुने गये पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होते हुए दिया। उन्होंने चिकित्सक और चिकित्सा शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि मुझे बहुत गर्व महसूस होता है जब मैं लगभग हर बड़े निजी और सरकारी संस्थानों में चिकित्सकों को देखता हूं जो केजीएमयू (केजीएमसी) के पढ़े मिलते हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहे एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ राकेश कपूर हों या फिर मेदान्ता कॉरपोरेट हॉस्पिटल के डॉ नरेश त्रेहन, इन्हें पढ़ाने वाले केजीएमयू (केजीएमसी) के शिक्षक सम्मान के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा जैसे पवित्र पेशे में लगने वाले चिकित्सक अगर अपनी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर उतरें तो यह शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक हर समय मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं, इसके लिए मैं उनका आभार जताता हूं। उन्होंने समारोह में मौजूद केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार की सराहना करते हुए कहा कि मैंने एक बार तड़के इन्हें फोन किया तो इन्होंने तुरन्त फोन उठा लिया, यही नहीं डॉ संखवार स्वयं उठकर एक एम्बुलेंस में बैठकर अस्पताल आये और मदद की। उन्होंने गर्भावस्था के अतिरिकत अन्य अंगों के लिए अल्ट्रासाउंड मशीनों को पीसीपीएनडीटी एक्ट से बाहर रखने पर भी सहमति जतायी।
डॉक्टर न होते तो विधायक होते डॉ सूर्यकांत
अपने सम्बोधन में मंत्री ने कुछ समय पूर्व ही आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष से निवर्तमान अध्यक्ष हुए डॉ सूर्यकांत के बारे में कहा कि डॉ सूर्यकांत बहुत अच्छे वक्ता हैं, इन्होंने अपने भाषण में कम शब्दों में अपनी सारी बातों को बहुत ही अच्छे ढंग से रखा, जो कि काबिलेतारीफ है। उन्होंने कहा कि डॉ सूर्यकांत अच्छे चिकित्सक हैं लेकिन अगर यह चिकित्सक न होते तो यह विधायक होते।
उपलब्धियां गिनाते हुए मांग ली मदद
इससे पहले समारोह में स्वागत भाषण देते हुए डॉ सूर्यकांत ने अपने गुरुओं की तारीफ करते हुए आईएमए के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों डॉ एएम खान, डॉ राकेश सिह, डॉ पीके गुप्ता, डॉ जीपी सिंह, डॉ जेडी रावत आदि की तारीफ करते हुए संघ की शक्ति की महत्ता बतायी। अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने बताया कि पिछले साल 100 से ज्यादा नये मेम्बर आईएमए से जुड़े। इसके अलावा इस अवधि में राष्ट्रीय स्तर की आईएमए की कॉन्फ्रेंस लखनऊ में हुई, डॉक्टर्स की फिटनेस के लिए साइकिल रैली, स्पोर्ट्स के तहत क्रिकेट मैच का आयोजन के अलावा कैंसर, मानसिक, टीबी, चेस्ट जैसी बीमारियों पर अलग-अलग सीएमई, वर्कशॉप का आयोजन भी किया गया। उन्होंने बताया कि यह भी हमारे लिए गौरव की बात है कि करीब 30-40 सालों बाद उत्तर प्रदेश आईएमए को अध्यक्ष डॉ एएम खान के रूप में लखनऊ से मिला। उन्होंने मुख्य अतिथि मंत्री राजेन्द्र सिंह की तारीफ करते हुए कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक द्वारा दी गयी आर्थिक मदद का जिक्र करते हुए राजेन्द्र सिंह से आईएमए भवन पर लगने वाले सोलर प्लांट में मदद मांगी।
छाया रहा प्रतापगढ़ का कनेक्शन
समारोह की अध्यक्षता करने वाले यूपी आईएमए के अध्यक्ष डॉ एएम खान ने अपने सम्बोधन की शुरुआत प्रतापगढ़ के अपने कनेक्शन को उजागर करते हुए चुटकी लेते हुए की और कहा कि मैं प्रतापगढ़ का रहने वाला हूं, उपस्थित कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र सिंह भी प्रतापगढ़ के हैं और आईएमए लखनऊ के नये अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह भी प्रतापगढ़ के ही रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जनता की आवाज भगवान की आवाज होती है। उन्होंने बताया कि मुझे 18000 डॉक्टरों ने निर्विरोध आईएमए यूपी का अध्यक्ष बनाया।
डॉ एएम खान की भविष्यवाणी, डॉ सूर्यकांत बनेंगे आईएमए यूपी के अध्यक्ष
उन्होंने डॉ सूर्यकांत की सराहना करते हुए कहा कि यह डॉ सूर्यकांत का ही प्रभाव है कि हम लोगों के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आना शुरू हो गये हैं, पहले बृजेश पाठक आये अब राजेन्द्र सिंह आये हैं। उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि डॉ सूर्यकांत जरूर आईएमए यूपी के अध्यक्ष निर्वाचित होंगे। उन्होंने कहा कि मैं किसी से मांगने में विश्वास नहीं रखता हूं मैंने कसम खायी थी कि किसी से सहायता नहीं लूंगा लेकिन बृजेश पाठक आये तो वह 5 लाख रुपये दे गये तो मेरी कसम टूट गयी हालांकि मैंने मांगे नहीं थे, वे अपनी इच्छा से दे गये। डॉ एएम खान ने अध्यक्ष, मंत्री सहित नयी कार्यकारिणी को शपथ दिलायी। जिन पदाधिकारियों को शपथ दिलायी गयी उनमें अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह, डॉ जेडी रावत, डॉ मनोज अस्थाना, डॉ एससी श्रीवास्तव, डॉ विनीता मित्तल, डॉ अलीम अहमद सिद्दीकी, डॉ सरिता सिंह, डॉ अमित अग्रवाल, डॉ मनीष टंडन्, डॉ केएन पाटनी, डॉ एमएल टंडन, डॉ सुमीत सेठ, डॉ वारिजा सेठ, डॉ एसएन संखवार, डॉ रीतू सक्सेना, डॉ एसके रावत शामिल हैं।
इमीडियेट पास्ट प्रेसीडेंट से पास्ट प्रेसीडेंट हो गया मैं
वर्ष 2017 में आईएमए लखनऊ के प्रेसीडेंट रहे डॉ पीके गुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि नयी टीम का अभिनंदन करता हूं साथ ही 2018 में किये गये कार्यों के लिए डॉ सूर्यकांत को बधाई भी देता हूं कि उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण कार्य अपने कार्यकाल में कराये। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जिन लोगों को जटिल प्रोटोकाल के चलते इस बार चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया गया है वे लोग उर्जावान हैं, उनकी क्षमताओं का उपयोग आईएमए को बढ़ाने में होना चाहिये, इसलिए मैं नये अध्यक्ष से अनुरोध करूंगा कि उन्हें कार्यकारिणी का सदस्य बना लें तो बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि नये अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह सरकार तक बातों को पहुंचायेंगे, ऐसी अपेक्षा है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र सिंह का धन्यवाद अदा करते हुए उनसे आईएमए के लिए सोलर प्लांट लगाने में मदद मांगी। उन्होंने कहा कि अभी तक मैं इमीडिएट पास्ट प्रेसीडेंट था, आज से पास्ट प्रेसीडेंट हो गया हूं, इमीडिएट पास्ट प्रेसीडेंट का स्थान डॉ सूर्यकांत ने ले लिया है, लेकिन मैं हमेशा आईएमए के साथ हूं।
90 के दशक के बाद से दिक्कतें शुरू हुईं चिकित्सकों की
आईएमए लखनऊ के नये अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह ने कहा कि कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र सिंह अत्यंत सरल व्यक्ति हैं, वे पिता के देहान्त के दुख में होने के बाद भी यहां शपथ ग्रहण समारोह में आने को तुरंत तैयार हो गये। उन्होंने कहा कि पहले चिकित्सक को भगवान का रूप माना जाता था, लेकिन 90 के दशक में जबसे कन्ज्यूमर फोरम एक्ट के तहत चिकित्सकीय पेशा आया है तबसे चिकित्सकों की दिक्कतें बढ़ गयी हैं। उन्होंने कहा कि जिन तीमारदारों का मरीज ठीक हो जाता है वह तो डॉक्टर का गुण गाता है लेकिन अगर किसी मरीज की जान चली गयी तो फिर वे लोग तोड़-फोड़ करने लगते हैं, यही नहीं डॉक्टर की पिटाई तक कर देते हैं, इसलिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट का क्रियान्वयन करने की आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन करते हुए हरियाणा सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी छोटे 50 बेड तक के हॉस्पिटल को इस एक्ट के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिये। अंत में धन्यवाद भाषण सचिव डॉ जेडी रावत ने दिया। मंच संचालन नयी संयुक्त सचिव डॉ सरिता सिंह ने किया।