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सिर्फ विदेशों में छपे एवीडेंस पर नहीं, अनुभव के आधार पर करना चाहिये इलाज

केजीएमयू के ऑर्थोपैडिक विभाग का स्‍थापना दिवस मनाया गया

लखनऊ। किंग ज्रॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का आर्थोपेडिक सर्जरी विभाग ने अपने 67वें स्थापना दिवस एवं 11वें प्रोफेसर एएन श्रीवास्तव वार्षिक ओरेशन का आयोजन आज किया। स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जीके सिंह, विभाग के सरंक्षक डॉ यूके जैन तथा डॉ ओपी सिंह के साथ विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य अधिकारियों ने दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर किया।

प्रोफेसर एएन श्रीवास्तव वार्षिक ओरेशन एक महान शिक्षक और पूर्व प्रोफेसर एवं ऑर्थोपेडिक सर्जरी के प्रमुख की याद में आयोजित किया गया। इस ओरेशन को डॉ मनदीप एस ढिल्लन, प्रोफेसर एंड हेड, ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग,  हेड शारीरिक चिकित्सा विभाग और पुनर्वास और प्रभारी विभाग,  स्पोर्ट चोट क्लिनिक, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ द्वारा किया गया।

इस अवसर पर व्याख्यान के शीर्षक ‘Evidence Based Medicine- Do We Really Understand It’  के बारे में चर्चा करते हुए डॉ मनदीप सिंह ढिल्लन ने कहा कि डॉक्टर्स को अपने अनुभव के आधार पर मरीज का इलाज करना चाहिए। हमें यह निश्चित करना है कि कौन सा एविडेंस मजबूत है और कौन सा नहीं। हर मरीज की स्थिति अलग-अलग होती है, इस बात को ध्यान में रखकर ही मरीज का इलाज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशों में पब्लिश हुए हर एविडेंस पर हमें आंख बंद कर के नहीं मानना चाहिए। हमें अपने अनुभव के आधार पर इलाज करना चाहिए।

इस अवसर पर केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एम एल बी भट्ट ने ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग को केजीएमयू का गौरव बताते हुए कहा कि इस विभाग ने अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के माध्यम से तमाम रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अपने इसी सेवा भाव से किए गए कार्यों की वजह से केजीएमयू का ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग मौजूदा समय में देश के श्रेष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग में से एक है।

इससे पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जीके सिंह ने विभाग की वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए विभाग के एक संक्षिप्त इतिहास, गतिविधियों एवं उपलब्ध्यिों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग में चार नए विभाग की शुरूआत होने वाली है, जिसमें से दो नए विभाग पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक एवं स्पोर्ट्स मेडिसि‍न विभाग शुरू किए जा चुके है तथा बाकी के दो अन्य विभाग स्पाइनल सर्जरी एवं ऑर्थोप्लास्टी विभाग जल्द ही शुरू किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने जानकारी दी कि इन चारों विभागों में रोगियों के लिए 60-60 बेड की व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि स्पाइनल सर्जरी विभाग प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का इकलौता व पहला विभाग होगा, जहां रीढ़ की हड्डी की बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज हो सकेगा।

इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ जी के सिंह के अपने पद से सेवानिवृत्ति होने पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एम एल बी भट्ट एवं विभाग के अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा उन्हें प्रतीक चिन्ह के रूप में भगवान हनुमान की मूर्ति देकर सम्मानित किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर स्थापना दिवस समारोह के संयोजक डॉ आर एन श्रीवास्तव ने वक्ता परिचय एवं समारोह के अतिथियों को प्रतीकचिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ऐरा मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन प्रो  अब्बास अली मेहदी, प्रो आर एन श्रीवास्तव, प्रो गिरीश शर्मा, प्रो ओ पी सिंह, प्रो यू के जैन, प्रो संतोष कुमार, डॉ अजय सिंह, डॉ मुकेश उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रो आशीष कुमार ने समारोह में उपस्थित अतिथिगण को धन्यवाद दिया।