Wednesday , July 23 2025

बिना नोटिस अस्पताल सील करने के खिलाफ आईएमए आया सामने, संचालक ने शुरू की गांधीगीरी

-हरदोई में निजी अस्पताल में शॉर्ट सर्किट की घटना के बाद सील कर दिया गया था अस्पताल

-घटना में नहीं हुई थी कोई शारीरिक हानि, अग्निशमन विभाग के अनुसार सिर्फ 25 हजार का नुकसान

सेहत टाइम्स

लखनऊ। हरदोई में संचालित निजी अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से निकले धुएं से मची अफरातफरी के बाद जिला प्रशासन द्वारा अस्पताल को सील किये जाने के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विरोध जताते हुए अस्पताल को खोलने की मांग की है। जिलाधिकारी को दिये ज्ञापन में बिना कारण बताओ नोटिस के और जवाब देने का मौका दिए अस्पताल को सील किये जाने की कार्रवाई की निंदा की गयी है। इस बीच अस्पताल के संचालक डॉ सीके गुप्ता ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करने का अनोखा तरीका निकाला है, उन्होंने सील किये गये अस्पताल के सामने मेज लगाकर मरीजों को नि:शुल्क देख गांधीगीरी शुरू कर दी है।

ज्ञात हो बीती 16 जुलाई को हरदोई के कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में शॉर्ट सर्किट से धुआं निकलने के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया था, इसी दहशत में धुएं से घबराये परिजन सीढ़ी लगाकर अस्पताल की पहली मंजिल से नीचे उतरे थे। हालांकि इस घटना में किसी मरीज या अन्य व्यक्ति को कोई शारीरिक क्षति नहीं पहुंची थी। डॉक्टर्स की टीम ने 22 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था।

आईएमए हरदोई के अध्यक्ष डॉ अजय अस्थाना, सचिव डॉ संदीप कटियार, कोषाध्यक्ष डॉ. अखिलेश पटेल सहित करीब दो दर्जन चिकित्सकों ने जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन में लिखा है कि कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय में दि 16.7.25 को बिजली की चिंगारी से धुंआ निकलने की घटना हो गयी थी इस पर कर्मचारियों एवं अग्निशमन विभाग द्वारा अस्पताल में लगे सुरक्षा उपकरणों और हौज रील से तुरंत क़ाबू कर लिया गया। सुरक्षा साधनों की उपलब्धता और कर्मचारियों की तत्परता से सभी मरीज़, परिजन और कर्मचारी सुरक्षित रहे। भूतल पर स्थित चार निकास द्वारों और प्रथम तल पर स्थित दो निकास द्वारों से सभी को सुगमता से निकाला गया लेकिन धुएं से घबराये हुए कुछ परिजन सीढी लगा कर जल्दबाज़ी में प्रथम तल से सड़क पर उतर गये। ईश्वर की कृपा से किसी को कोई चोट नहीं पहुँची।

ज्ञापन में लिखा है कि अग्निशमन विभाग के स्पॉट मेमो में 25 हज़ार मात्र का नुक़सान पाया गया। उनका कहना है कि कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय के संचालन के लिए क्लीनिकल इस्टैब्लिस्मेंट एक्ट के अंतर्गत आवेदन किया जा चुका था जैसा कि जनपद के सभी अस्पतालों का स्टेटस है। अग्निशमन का अनापत्ति प्रमाणपत्र का लिखित में आवेदन किया जा चुका था उसके लिए विभाग द्वारा दो बार उपलब्ध सुरक्षा संसाधनों का चला कर निरीक्षण किया गया था जिसमें सभी उपकरण चालू हालत में पाए गए थे। कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय का अग्निशमन एनओसी भी प्रक्रिया में था जैसा कि जनपद के 63 अस्पतालों में से 54 अस्पतालों का स्टेटस है। उ.प्र. प्रदूषण विभाग का प्रमाणन 2026 तक का है।

ज्ञापन में कहा गया है कि बिना कारण बताओ नोटिस के और जवाब देने का मौका दिए अस्पताल को सील कर देने से हरदोई के सभी चिकित्सक दुखी और आक्रोशित हैं कीर्ति कृष्णा बच्चों के चिकित्सालय के मरीज़ों के कष्ट को देखते हुए और कर्मचारियों की जीविका के सवाल को देखते हुए हम सभी हरदोई के चिकित्सकों की मांग है कि उक्त अस्पताल को अति शीघ्र खोला जाये।

प्रशासन की कार्रवाई को जीविका चलाने के मौलिक अधिकार का हनन बताया

पदाधिकारियों का कहना है कि प्रशासन को यह भी देखना चाहिये कि घटना के बाद किस तत्परता से अस्पताल के डॉक्टरों व अन्य लोगों ने बचाव कार्य किया, 22 बच्चों को सुरक्षित निकाला, किसी भी प्रकार की शारीरिक क्षति नहीं हुई, अग्निशमन विभाग के अनुसार भी मात्र 25 हजार का नुकसान हुआ। ऐसे में अस्पताल पर ताला लगाना जहां मरीजों के लिए दिक्कत पैदा करेगा वहीं यह जीविका चलाने के मौलिक अधिकार का भी हनन है। केजीएमसी से पासआउट योग्य चिकित्सक डॉ सीके गुप्ता, हरदोई जैसे छोटे शहर में विगत कई सालों से मरीजों को चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं, के हॉस्पिटल को सील करना अन्याय और उत्पीड़न है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.