-गांव-गांव पहुंचकर शिविर लगाने का फैसला, मस्तीपुर से की ‘चलो गांव की ओर’ अभियान की शुुरुआत
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कुष्ठ रोग की शीघ्र पहचान कर उससे होने वाले बड़े नुकसान को रोकने के लिए अपने जीवन का बड़ा हिस्सा समाज सेवा को समर्पित करने वाले लेप्रोसीमैन वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ विवेक कुमार अपने सेवा कार्य को सुदूर गांवों तक ले जाने के लिए ‘चलो गांव की ओर’ अभियान के माध्यम से और विस्तार देने जा रहे हैं। इसके तहत 16 मई को लखनऊ-रायबरेली रोड पर शिवगढ़ रिसॉर्ट से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित मस्तीपुर गांव के पंचायत भवन में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की शुरुआत सुबह 10:00 बजे हुई करीब 2000 की आबादी वाले इस गांव में के पंचायत भवन में लगे इस शिविर में शुरुआत से ही मरीजों का आना जाना शुरू हो गया। पुरुषों के अपेक्षा महिलाओं की संख्या ज्यादा देखी गयी। शिविर में 36 मरीज का विधिवत परीक्षण कर उनको आवश्यक सलाह एवं दवाएं उपलब्ध कराई गईं। इनमें कुष्ठ रोग के शुरुआती लक्षण वाले, सफेद दाग, खाज-खुजली, मुंहासे, झाइयां, सेहुआं, घमौरियां, फोड़े-फुंसियां, बाल व नाखून की समस्याओं से ग्रस्त रोगी शामिल रहे।
ज्ञात हो प्रत्येक शिविर में मरीजों की संख्या 35 के आसपास रखने की कोशिश की जाती है, इसकी वजह पूछने पर डॉ विवेक कुमार ने कहा कि एक मरीज के पंजीकरण, उसकी हिस्ट्री, काउंसिलिंग, पैथोलॉजिकल जांच, क्लीनिकल परीक्षण, दवा वितरण जैसे कार्यों में खासा समय लग जाता है, ऐसे में क्वालिटी मेन्टेन रखने के लिए संख्या को सीमित रखना आवश्यक हो जाता है।
शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में जाने-माने हास्य कवि स्माइलमैन के नाम से मशहूर सर्वेश अस्थाना उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि डॉ विवेक कुमार को मैं एक लंबे अरसे से जानता हूं और मुझे उनकी सादगी, उनके अनुशासित होने के साथ ही उनके द्वारा की रही समाज सेवा प्रभावित करती है क्योंकि जिस वक्त में वह मरीज देखकर हजारों रुपए कमा सकते हैं उस वक्त में हजारों रुपये की कमाई छोड़कर अपना धन खर्च करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर मरीजों की सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि डॉ विवेक कुमार ने दिखावा नहीं किया है।


क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति समाजसेवी नागेश्वर द्विवेदी ने डॉ विवेक कुमार को उनके क्षेत्र में त्वचा शिविर लगाने के लिए आभार जताते हुए आगे भी पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया।
आज शिविर में पहुंचे मरीजों को यह भी बताया गया कि जब भी डॉक्टर साहब की क्लिनिक से फोन पहुंचे तो अपना हाल अवश्य बतायें, इससे उपचार में मदद मिलती है। इन मरीजों को फॉलो अप के लिए दो हफ्ते बाद मोहनलालगंज में सप्ताह में 2 दिन संचालित किये जा रहे नियमित शिविर में सम्पर्क करने को कहा गया। ज्ञात हो डॉ विवेक कुमार पिछले 33 वर्षों से यहां मोहनलालगंज के ज्योति नगर स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी मदर टेरेसा लेप्रोसी रिहैबिलिटेशन सेंटर पर सप्ताह में 2 दिन नि:शुल्क त्वचा शिविर का आयोजन करते आ रहे हैं।
अत्यंत सुनियोजित तरीके से संचालित किए गए इस शिविर में भी विभिन्न फार्मास्यूटिकल कंपनियों के विक्रय प्रतिनिधियों ने हमेशा की तरह मरीज के रजिस्ट्रेशन, उनकी केस हिस्ट्री तैयार करना, दवाओं का वितरण, उनकी काउंसलिंग करना जैसे सभी कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस टीम में रूपांकर, भरत, यश, शैलेंद्र, दीपा, कुशमाकर, आशीष, अनिल, प्रकाश, मयंक, शंभू, राजकिरण, मनोरंजन और आकर्षण शामिल रहे।
डॉ विवेक कुमार ने कहा कि प्रत्येक डॉक्टर और अस्पताल अगर अपने आसपास का एक छोटा गांव एडॉप्ट कर ले और एक माह में सिर्फ दो घंटे ही वहां पहुंचकर मरीजों को देख लें तो काफी मरीजों का भला हो सकता है। डॉ विवेक कुमार ने बताया कि चलो गांव की ओर अभियान को प्रारम्भ करने के पीछे का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उनका समय से इलाज शुरू करना है, जिससे उन्हें भविष्य में होने वाले बड़े शारीरिक नुकसान, जिसमें कुष्ठ प्रभावित अंग का नष्ट होना भी शामिल है, से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि एक बड़ी आबादी आज भी कुष्ठ रोग की गंभीरता से परिचित नहीं है, ऐसे लोगों की संख्या शहरों की अपेक्षा गांवों में अधिक है, इसलिए अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में पहुंचकर नि:शुल्क त्वचा शिविर लगाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के त्वचा रोगियों के लिए शिविर आयोजित किया जाता है, क्योंकि ज्यादातर रोगियों को यह नहीं पता होता है कि उसे कुष्ठ रोग है अथवा दूसरा कोई चर्म रोग। इसीलिए शिविर में रोगी का क्लीनिकल परीक्षण कर देखा जाता है कि उसे कुष्ठ रोग है या नहीं।
शिविर में आने वाले मरीजों की काउंसिलिंग करते समय उनको सहज बनाये रखने और मरीज को दी जा रही सलाह को बाद में भी उन्हें समझाने के दृष्टिकोण से ग्राम प्रधान सूर्य कुमार द्विवेदी को भी अपने साथ रखा। डॉ विवेक कुमार ने कहा कि आज मस्तीपुर गांव में हो रहे शिविर के आयोजन में सूर्य कुमार द्विवेदी की बहुत मदद मिली, उन्होंने कहा कि प्रधान होने के नाते गांव के बारे में यहां के लोगों मरीजों के बारे में जितनी अच्छी जानकारी प्रधान को होती है, सामान्यत: उतनी जानकारी दूसरे व्यक्ति को नहीं हो पाती है। इसके लिए उन्होंने श्री द्विवेदी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जहां भी शिविर आयोजित किया जाएगा उस शिविर में आये हुऎ लोगों के फॉलो अप और दूसरे नए मरीजों को देखने के लिए लगभग एक माह के अंतराल के बाद पुनः शिविर आयोजित किया जाएगा। कैम्प में डॉ तौसीफ अहमद, सुनील, विनीता और नित्या का भी सहयोग मिला।
