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उस जटिल प्रसव की स्थिति में हमें सोचना नहीं पड़ा कि क्या करें, कहां भेजें…

-एक छत के नीचे सभी सुविधाओं के उपलब्ध होने से हमारे कॉन्फिडेंस का भी हुआ है विस्तार

-हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल की स्त्री एवं प्रसूति रोग की सीनियर कन्सल्टेंट डॉ दर्शना कपूर से विशेष वार्ता

सेहत टाइम्स

लखनऊ। ”मैंने चार दशक की यात्रा में अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कार्य किया है, प्लेटफॉर्म भले ही छोटे रहे हों लेकिन हमारे अंदर एनर्जी ज्यादा थी, अब जब हमारा प्लेटफॉर्म बड़ा हो गया है तो अब मुझे अपने और अपनी टीम के कार्य से बहुत संतुष्टि मिलती है, अब प्रसव को लेकर अगर कोई जटिलता पैदा होती है तो हमें मरीज को दूसरे किसी स्थान पर रेफर नहीं करना पड़ता है, एक ही छत के नीचे सभी रोगों के चिकित्सक 24 घंटे उपलब्ध होने के चलते समस्या दूर करना आसान हो जाता है, मरीज के तीमारदारोें को भी दूसरे चिकित्सकों और अस्पतालों के लिए भटकना नहीं पड़ता है।”

यह कहना है गोमती नगर विस्तार स्थित हेल्थ सिटी विस्तार मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की स्त्री एवं प्रसूति रोग की सीनियर कन्सल्टेंट डॉ दर्शना कपूर का। ‘सेहत टाइम्स’ के साथ एक विशेष मुलाकात में डॉ दर्शना कपूर ने मातृत्व सुख प्रदान करने की दिशा में उनके अस्पताल में द्वारा दी जा रही सुविधाओं पर वार्ता की। उन्होंने बताया कि आजकल की लाइफ स्टाइल के चलते मां बनना भी पहले की भांति आसान नहीं रह गया है, बच्चे को गर्भ में लाने से लेकर प्रसव तक की प्लानिंग में कपल्स को सही मार्गदर्शन देना हमारी प्राथमिकता होती है।

उन्होंने बताया कि नौ महीने की प्रेगनेंसी में महिला या उसके घरवालों का पहला सवाल यह होता है कि किसी भी समय अगर कोई इमरजेंसी होगी तो आप हॉस्पिटल में मिलेंगी या नहीं, तो अब हम यह कह सकते हैं कि आप किसी भी समय आयें आपको सभी सुविधाएं मिलेंगी, आपको कहीं भी भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों एक महिला 30 हफ्ते की प्रेगनेंसी के साथ पहली बार आधी रात के समय हमारे अस्पताल में इमरजेंसी में आयी, महिला के गर्भ में जुड़वा बच्चे थे, और वह महिला जिन चिकित्सक के सम्पर्क में थीं, वह शहर से बाहर थीं। ऐसे में उनके सामने समस्या थी कि किसी दूसरी चिकित्सक को कहां दिखायें। डॉ दर्शना ने बताया कि गर्भवती महिला यहां हेल्थसिटी विस्तार पहुंची तो तुरंत ही उन्हें हमारी पूरी टीम ने अटेंड किया चिकित्सक, ऐनेस्थेटिस्ट, ऑपरेशन थियेटर इंचार्ज, स्टाफ, एनआईसीयू का स्टाफ सभी लोग घंटों लगे रहे और परिणामस्वरूप महिला के साथ ही उनके जुड़वा दोनों बच्चे भी स्वस्थ रहे, पांच दिनों तक अस्पताल में रुकी यह महिला बहुत खुश होकर अस्पताल से गयी, साथ ही लम्बा-चौड़ा खर्च न होने के कारण वह जेब से भी बहुत फ्रेंडली महसूस कर रही थी।

डॉ दर्शना ने कहा कि इस महिला की प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई, ऐसे केसेज में बच्चे के लिए नियोनेटल इन्टेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) की आवश्यकता पड़ती है, चूंकि हमारे यहां लेवल थ्री का 10 बेड का एनआईसीयू उपलब्ध है, ऐसे में हम डिलीवरी के बाद तुरंत ही शिशु को एनआईसीयू में शिफ्ट कर सके। हमें सोचना नहीं पड़ा कि क्या करें, कहां भेजें।

डॉ दर्शना ने बताया कि इसी तरह से सर्जरी के लिए पहले हमें गर्भवती से कहना पड़ता था कि यहां चली जाइये, वहां चली जाइये लेकिन अब एक छत के नीचे सभी सुविधाओें के होने से इस तरह की दिक्कत नहीं आती है। हमारे पास मिनिमल इनवेसिव सर्जरी हो या मेजर सभी सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इनफर्टिलिटी के लिए शीघ ही आईवीएफ लैब तैयार की जा रही है, फिलहाल आईयूआई (IUI, or Intrauterine Insemination) की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त काउंसिलिंग की सुविधा उपलब्ध है, खास बात यह है कि हम मरीज को समझाने में बहुत जल्दबाजी नहीं करते हैं, पहले इत्मीनान से मरीज के दिल को छूने की कोशिश करते हैं, क्योंकि जब मरीज फ्रेंडली हो जाता है तब उसके लिए समझना आसान हो जाता है।

यह पूछने पर कि क्या आपके अस्पताल में भी नॉर्मल से ज्यादा सिजेरियन डिलीवरी पर जोर दिया जाता है, इस पर डॉ दर्शना का कहना था कि यह सही है कि आज पहले की अपेक्षा सिजेरियन की संख्या बढ़ गयी है, लेकिन इसके पीछे बहुत से कारण हैं, गर्भवती महिलाएं अपनी 9 माह की प्रेगनेंसी के दौरान कैसे रही हैं, उनकी क्या-क्या एक्टिविटी रहीं हैं, पूर्व से या प्रेगनेंसी के दौरान दूसरी कोई और बीमारी तो नहीं है। हमारे अस्पताल में ज्यादातर वही लोग आते हैं, जिनका केस कॉम्प्लीकेटेड होता है, और ऐसे में हमारे पास समय ही नहीं होता है कि नॉर्मल डिलीवरी का निर्णय ले पायें। हां यह जरूर है कि प्री प्लानिंग के साथ जो महिलाएं सम्पर्क करती हैं, उन्हें शुरू से ही सारी बातें समझायी जाती हैं जिससे नॉर्मल डिलीवरी का रास्ता आसान हो सकता है।

विभाग के सामने बने प्ले एरिया में रंग बिरंगे छोटे-बड़े खिलौनों के बारे में पूछने पर डॉ दर्शना ने बताया कि जो माताएं अपने बच्चों के साथ अस्पताल दिखाने आती हैं, उनके बच्चे परेशान न हों और डिस्टर्ब न करें इसके लिए हम लोगों ने यह प्ले जोन बनाया है, इसमें बच्चे मस्ती के साथ खेला करते हैं।

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