-हेल्थ सिटी विस्तार हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विनोद तिवारी से ‘सेहत टाइम्स’ की खास मुलाकात

सेहत टाइम्स
लखनऊ। हार्ट अटैक में महत्वपूूर्ण यह है कि अटैक होने के बाद जितनी जल्दी से जल्दी इलाज हो जाये उतना ही हार्ट डैमेज होने से बच जाता है, क्योंकि जल्दी इलाज मिलने से हार्ट की मसल्स डैमेज होेने से बच जाती हैं, इसके विपरीत देर से इलाज होने में नुकसान यह है कि मरीज की जान बच भी जाती है तो भी चूंकि मसल्स ज्यादा डैमेज हो चुकी होती हैं इसलिए मरीज के ठीक होने के बाद भी हार्ट पहले की तरह कार्य नहीं कर पाता है, हार्ट की क्षमता कम हो जाती है, पूर्व की भांति पम्पिंग नहीं कर पाता है, नतीजा यह होता है कि सांस फूलना, थकान लगना जैसी परेशानी बनी रहती हैं।
यह कहना है यहां लखनऊ में गोमती नगर विस्तार स्थित हेल्थ सिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ विनोद तिवारी का। डॉ विनोद ने ‘सेहत टाइम्स’ के साथ विशेष बातचीत में बताया कि हाल के वर्षों में देखा गया है कि भारत में हार्ट अटैक की बीमारी बढ़ती जा रही है, पहले यह ओल्ड एज में होती थी, अब युवाओं में भी होने लगी है, इसका मुख्य कारण खान-पान, रहन-सहन, अनियंत्रित ब्लड प्रेशर, अनियंत्रित शुगर, धूम्रपान, तनाव, जीवन शैली में बदलाव, फास्ट लाइफ, प्रदूषण है।
डॉ विनोद ने बताया कि समय से इलाज मिले इसके लिए आवश्यक है कि हार्ट अटैक होने पर हमेशा ऐसे सेंटर में जाना चाहिये जहां 24 घंटे एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सुविधा हो। उन्होंने कहा कि हमारे हेल्थ सिटी विस्तार अस्पताल में हम 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहते हैं, जब भी हार्ट अटैक का मरीज आता है, तुरंत ही उसकी एंजियोग्राफी की जाती है, और जरूरत के अनुसार तुरंत ही कैथ लैब में ले जाकर एंजियोप्लास्टी की जाती है।


डॉ तिवारी ने बताया कि तुरंत इलाज मिल जाने से ब्लॉकेज खुल जाने के बाद जहां हार्ट अपना कार्य करने लगता है, वहीं हार्ट की मसल्स को बचाकर उसके दिल को और ज्यादा कमजोर होने से बचा लेते हैं। जिससे मरीज ठीक होने के बाद पहले की तरह कार्य करने लगता है। उन्होंने बताया कि लेकिन यह जरूरी है कि एंजियोप्लास्टी के बाद एक साल ज्यादा दवा लेनी होती है तथा उसके बाद कम दवा हमेशा लेनी पड़ती है, साथ ही उचित लाइफ स्टाइल को अपनाना पड़ता है।
मौसमी सब्जियां व फल अवश्य खाने चाहिये
डॉ तिवारी बताते हैं कि जहां तक हार्ट अटैक से बचने की बात है तो कुछ चीजें ऐसी होती है जिन्हें सुधारना अपने हाथ में है, लेकिन कुछ कारण ऐसे होते हैं, जिनमें सुधार नहीं किया जा सकता है जैसे आयु यानी 50-55 और अधिक आयु वालों तथा पारिवारिक इतिहास यानी अगर माता-पिता को हार्ट अटैक पड़ा है तो हार्ट अटैक होने की संभावना ज्यादा रहती है। डॉ विनोद ने बताया कि इसके विपरीत जो बातें व्यक्ति के हाथ में है उनका पालन अवश्य करना चाहिये जैसे अपनी दिनचर्या सही रखना, समय से सोना, समय से जगना, सुबह उठकर करीब 45 मिनट तक मॉडरेट एक्सरसाइज करना चाहिये, घी-तेल वाली चीजों का सेवन कम करें, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर कंट्रोल में रखें, मौसमी सब्जियां और मौसमी फल ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिये, जिससे पूरा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा यानी हार्ट के अलावा दूसरी बीमारी होने की संभावना भी कम रहेगी।
