दिल्ली सरकार के अस्पताल का कारनामा, डॉक्टर पर बैन

देश की राजधानी दिल्ली से एक अजीबोगरीब और घोर लापरवाही भरी खबर आई है। यहां दिल्ली सरकार के एक अस्पताल में डॉक्टर ने मरीज के सिर का ऑपरेशन करने के बजाय पैर का ऑपरेशन कर दिया।
हुआ यूँ की दिल्ली में एक मरीज को सिर में चोट लग गई तो वो इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा. सारी जांचें पूरी होने पर उसे ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया जहां उसकी सर्जरी की गई. लेकिन जब मरीज बाहर आया तो उसके परिजन हक्के-बक्के रह गए. ऐसा इसलिए क्योंकि उस मरीज का पैर का ऑपरेशन कर दिया गया था, जबकि चोट उसके सिर में लगी थी. गलती का एहसास होते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया और दोबारा मरीज की सर्जरी की गई. मामले में डॉक्टर पर कार्रवाई करते हुए उस पर बैन लगा दिया गया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, ये पूरा मामला दिल्ली सरकार द्वारा संचालित सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर का है. यहां पर विजेंद्र नामक मरीज को सड़क दुर्घटना में सिर में और चेहरे पर चोट आई थी. उसका इलाज ट्रॉमा सेंटर में चल रहा था. 19 अप्रैल को मरीज के लिए सर्जरी की डेट निर्धारित की गई. जिस वार्ड में विजेंद्र एडमिट थे वहां वीरेंद्र नाम का भी एक मरीज था, जिसके पैर में फ्रैक्चर था.
दोनों मरीजों के नाम में अस्पताल से चूक हो गई और वीरेंद्र की जगह वे विजेंद्र को ऑपरेशन थिएटर में ले गए. इसके बाद ओटी में मौजूद सर्जन ने बेहोश विजेंद्र के पैर में ड्रिल से छेद किया और उसमें पिन लगा दी, जिसके साथ भार जोड़ा जाता है ताकि फ्रैक्चर हुई हड्डी ठीक से जुड़ सके.
इसे भारी चूक माना जा रहा है क्योंकि जहां अस्पताल के स्टाफ ने नाम बदलने के चक्कर में गलत मरीज को भेज दिया वही प्रश्न यह भी उठता है कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने भी ध्यान नहीं दिया कि मरीज के पैर में सर्जरी की जरूरत है या नहीं।

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