-प्रो सरिता सिंह व उनकी टीम ने किया ऑस्टियोपोरोटिक वर्टीब्रल कम्प्रेशन फ्रैक्चर का उपचार
सेहत टाइम्स
लखनऊ। ऑस्टियोपोरोटिक वर्टीब्रल कम्प्रेेशन फ्रैक्चर से पीडि़त 64 वर्षीय मरीज का किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की पेन क्लीनिक में विशेष विधि से बिना सर्जरी किये गये उपचार में सफलता प्राप्त हुई है। इस प्रोजीजर में सिर्फ एक घंटा लगा। तीन-चार घंटे में मरीज चलने भी लगा।
यह जानकारी देते हुए पेन क्लीनिक की प्रभारी प्रो सरिता सिंह ने बताया कि कुशीनगर के रहने वाले मरीज रामचन्द्र, 64 वर्ष का दिनांक 04/09/2024 पेन क्लीनिक में कमर दर्द की शिकायत के साथ पेन क्लीनिक की ओपीडी में दिखाने आये थे। मरीज ने कई जगह दिखाया था, लेकिन कहीं पर भी आराम नहीं मिला तब ये केजीएमयू के पेन क्लीनिक की ओपीडी में आये जहां पर इनकी खून की जांच के साथ साथ कमर के एक्सरे एवं एमआरआई कराये गये जिसमें यह पाया गया कि इनकी रीढ़ की एक हडडी (L1 Vatibra) काफी दबी हुई है जिसको कि हम Osteoporotic vertebral compresion fracture कहते है।
उन्होंने बताया कि इस मरीज को हम लोगों ने Minimally Invasive Spine Procedure के द्वारा एक विशेष विधि से इनकी दबी हडडी को Balloon के द्वारा सही स्थिति में लाने तथा उसमें एक विशेष प्रकार का पदार्थ जिसको हम PMMA (Polymethylmethacrylate cement) कहते हैं, उसको हड्डी में डाल कर सामान्य स्थिति में लाने के साथ-साथ मजबूती भी प्रदान की।
इस प्रोसिजर के कुछ ही घंटों के बाद मरीज को कमर के दर्द में आराम मिल गया तथा मारीज 3-4 घंटे में चलने-फिरने लगा। इस प्रोसिजर को करने में कुल 1 घंटा लगा। यह प्रोसिजर सरकार द्वारा चलायी गयी आयुष्मान योजना के तहत किया गया। यह प्रोसिजर हमारे विभागाध्यक्ष के दिशानिर्देश में पेन मेडिसिन यूनिट की इंचार्ज प्रो0 सरिता सिंह, प्रो0 अजय चौधरी, प्रो0 मनीष कुमार सिंह एवं डाॅ0 मुख्तदीर जमाल के द्वारा किया गया तथा टीम में शिवम पटेल, पंकज, नर्स सुधा, नर्स अंजली, वार्ड ब्वॉय सतीश पाण्डे एवं अनुज शामिल रहे।
कुलपति प्रो0 सोनिया नित्यानन्द ने टीम के सभी सदस्यों को इस कार्य के लिए बधाई दी तथा भविष्य मे मरीजों के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।