-विश्व बाल दिवस के मौके पर मंडलायुक्त कार्यालय पर संगोष्ठी आयोजित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। मंडलायुक्त लखनऊ, रोशन जैकब की अध्यक्षता में बच्चों से जुड़ी प्राथमिकताएँ एवं उपलब्धियों पर एक मण्डल स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को विश्व बाल दिवस के उपलक्ष्य में मंडलायुक्त कार्यालय में किया गया। यह संगोष्ठी संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते (यू एन सीआरसी) के 35 वर्ष और यूनिसेफ के भारत में 75 वर्ष पूरे होने पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई जिसमें लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, उन्नाव, एवं हरदोई के जिलाधिकारियों एवं मुख्य विकास अधिकारियों समेत लगभग 20 संबंधित विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
बैठक का उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण और समावेशी विकास से सम्बन्धित चुनौतियों एवं प्राथमिकताओं की पहचान करना एवं लिंग और समानता जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंतिम छोर के बच्चों के लिए परिणामों में तेजी लाने के लिए सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करना था।
यूनिसेफ के भारत में 75 वर्ष के योगदान के लिए बधाई देते हुए मंडलायुक्त रोशन जैकब ने कहा, “मण्डल के प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी ग्राम पंचायत डेवलोपमेंट प्लान में महिलाओं एवं बच्चों के लिए 5% बजट सुनिश्चित करें”। उन्होंने महिलाओं एवं बच्चों के पोषण पर विशेष जोर दिया और कहा, “एनिमिया की रोकथाम हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। हमे इलाज से अधिक बचाव पर ध्यान देना होगा जिसके लिए महिलाओं और बच्चों के लिए उचित पोषण सुनिश्चित करना होगा।“ मंडलायुक्त ने तंबाकू वाले पदार्थों की स्कूल के आस पास बिक्री को भी सख्ती से रोकने के आदेश दिए।
यूनिसेफ उत्तर प्रदेश प्रमुख डॉ ज़कारी ऐडम ने विश्व बाल दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा, “यूनिसेफ, उत्तर प्रदेश में सरकार व सभी हितधारकों के साथ मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा एवं सहभागिता के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ‘हर बचे को हर अधिकार’ की परिकल्पना सबके सम्मिलित और सार्थक प्रयासों से हो संभव है और इसलिए माननीय मंडलयुक्त एवं सभी जिलाधिकारियों का प्रभावी नेतृत्व और सतत समीक्षा अत्यंत आवश्यक और सराहनीय है।“
यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक डॉ अमित मेहरोत्रा ने लखनऊ मण्डल में बच्चों से जुड़े आँकड़े एवं उपलब्धियां साझा करते हुए कहा, “मण्डल में 1.25 करोड़ बच्चे हैं जोकी मण्डल की लगभग 43% जनसंख्या है। इसमें 47.6% लड़कियां हैं।“ उन्होंने बताया कि लखनऊ मण्डल में पूर्ण टीकाकरण की दर 2015-16 में 53% से 2019-21 में बढ़ कर 66% हो गई। इसके साथ ही मण्डल में पाँच वर्ष से कम के बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर में भी पिछले पाँच वर्षों में सुधार आया है। इसके साथ ही प्रत्येक जिले में जन्म पंजीकरण की दर में भी सुधार हुआ है.
डॉ अमित ने मण्डल में महिलाओं एवं बच्चों के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा की अभी और भी बहुत कुछ करने को शेष है। यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने संगोष्ठी में सभी ने बाल अधिकार को सुनिश्चित करने की शपथ दिलाई।
विश्व बाल दिवस या बाल अधिकार दिवस (20 नवंबर) संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता बच्चों के अधिकारों पर एक महत्वपूर्ण एवं कानूनी रूप से मान्य विश्वव्यापी मानवाधिकार समझौता है जिसका प्रारूप 20 नवंबर 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित किया गया एवं 1990 में लागू किया गया। इसे भारत ने 1992 में अंगीकृत किया था। CRC के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के हर व्यक्ति को बच्चा माना गया है और इसके लिए 54 आर्टिकल में बच्चे को बिना भेदभाव के सभी अधिकारों को देने का वादा किया गया है जिसमें मुख्य रूप में जीवन जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार एवं प्रतिभागिता के अधिकार शामिल हैं।
यूनिसेफ ने बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ 75 वर्ष की लंबी यात्रा तय की है। यूनिसेफ की महत्वपूर्ण तकनीकी सहायता से भारत में पहले पेनिसिलिन संयंत्र, अमूल के साथ मिल्क रेवोल्यूशन, हैंडपंपों की मार्क शृंखला स्थापित करने और देश में जल क्रांति ली गई। इसके अलावा एकीकृत बाल विकास सेवाओं (ICDS), टीकाकरण पर राष्ट्रीय मिशन, स्वच्छता अभियान, सार्वभोमिक शिक्षा, बाल सुरक्षा से जुड़े व्यापक नीतियों और कार्यक्रमों को शुरू करने में भी मदद की। उन्होंने बताया कि सरकार, साझेदारों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करते हुए, यूनिसेफ ने भारत से चेचक और पोलियो जैसी बीमारियों को खत्म करने में सहयोग दिया।
यूनिसेफ द्वारा भारत में 75 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष में मण्डल स्तरीय बैठकों का आयोजन प्रदेश के सभी 75 जिलों के अधिकारियों के साथ किया जा रहा है। यह बैठकें बच्चों के प्रति प्रतिबद्धता को संगठित करने, अभिसरण करने और उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही हैं।
संगोष्ठी में जॉइन्ट डिवजनल कमिश्नर कृष्ण कुमार सिंह, आडिशनल डाइरेकटर हेल्थ समेत शिक्षा, स्वस्थ, ICDS, महिला एवं बाल कल्याण,पंचायतीराज आदि संबंधित विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।