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खुशनुमा होना चाहिये ऑफिस का माहौल, 25 फीसदी एम्प्लॉयी तनाव के शिकार : डॉ देवाशीष

-विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर केएसएसएससीआई में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सेहत टाइम्स

लखनऊ। ऑफिस का माहौल हमेशा खुशनुमा होना चाहिए। कर्मचारियों को बेवजह का तनाव देने से बचना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य विभाग की ओपीडी में आने वाले कामकाजी 20 से 25 प्रतिशत लोग मानसिक तनाव में हैं। इसमें सरकारी व गैरसरकारी दोनों प्रकार के कर्मचारी शामिल हैं। महिला व पुरुषों की संख्या में भी कोई भिन्नता नहीं है। ये बातें कल्याण सिंह कैंसर संस्थान केएसएसएससीआई के चिकित्सा अधीक्षक व मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कही।

वह गुरुवार को मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संस्थान के साइको ऑन्कोलॉजी यूनिट की तरफ से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा कि ऑफिस में खराब काम के वातावरण के कई कारण हो सकते हैं। इसमें भेदभाव और असमानता शामिल है। काम का दबाव, नौकरी पर कम नियंत्रण और नौकरी की असुरक्षा आदि शामिल हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में कामकाजी आयु वर्ग के 15 प्रतिशत लोग मानसिक विकार के शिकार पाए गए थे। धीरे-धीरे तनाव बढ़ रहा है। इससे लोगों की कार्यक्षमता भी प्रभावित हो रही है।

कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य जोखिमों को रोकने के प्रयास करने चाहिए। कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा और उसे बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है। मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले श्रमिकों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रभावी कदम उठाए। ऑफिस में खुशनुमा माहौल रखें। हल्की-फुल्की बातें करें। कर्मचारियों में नौकरी की सुरक्षा को लेकर भावना पैदा करें।

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