Friday , September 20 2024

यूरो-गाइनीकोलॉजी और होम्योपैथी में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर चर्चा

-वार्षिक होम्योपैथिक कॉन्फ्रेंस केंट मेमोरियल लेक्चर्स 2024 का दिल्ली में हुआ सफल आयोजन

सेहत टाइम्स

लखनऊ/नयी दिल्ली। साउथ दिल्ली होम्योपैथिक एसोसिएशन (एसडीएचए) ने 15 सितंबर को पीएचडी हाउस, नई दिल्ली में अपने वार्षिक कार्यक्रम, केंट मेमोरियल लेक्चर का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इसके मुख्य आयोजक डॉ आरएन वाही थे। यूरो-गाइनीकोलॉजी व होम्योपैथी में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में देश के प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सकों को व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था। इनमें डॉ जवाहर शाह, डॉ गिरीश गुप्ता, डॉ. मोना माथुर, डॉ. तान्या बख्शी, डॉ. सुभाष चौधरी जैसे प्रसिद्ध वक्ता शामिल रहे।

केंट मेमोरियल लेक्चर के 32वें संस्करण में “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रकाश में यूरो-गायनीकोलॉजी और होम्योपैथी के आधुनिकीकरण में अंतर्दृष्टि” “Insights into Uro-Gynecology & Modernization of Homoeopathy in the Light of Artificial Intelligence (AI).” पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस थीम ने स्वास्थ्य सेवा में एआई के बढ़ते महत्व और होम्योपैथिक चिकित्सकों के लिए आधुनिक प्रगति के साथ अपडेट रहने की आवश्यकता को दर्शाया।

कार्यक्रम में होम्योपैथी के क्षेत्र की कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना मुख्य अतिथि थे। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की सलाहकार डॉ. संगीता दुग्गल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इसमें भाग लेने वाले मुख्य चिकित्सकों में जयपुर से डॉ. जे.डी. दरयानी, इलाहाबाद से डॉ. एस.एम. सिंह और बक्सन्स ग्रुप के सीएमडी डॉ. एस.पी.एस. बख्शी, डॉ पूर्णिमा शुक्ला, डॉ नैय्यर शामिल रहे।

सीखने की जबरदस्त चाहत दिखी प्रतिभागियों में

इस कॉन्फ्रेंस में एक खास बात यह देखी गयी कि इसमें भाग लेने वालेे अधिकतर प्र​तिभागी आये हुए दिग्गज चिकित्सकों से बहुत कुछ सीखना चाहते थे। इसका अंदाज इसी बात से लगता है कि जब लखनऊ से गौरांग क्लीनिक एवं सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च के संस्थापक व चीफ कन्सल्टेंट डॉ गिरीश गुप्ता का व्याख्यान चल रहा था। उन्होंने महिलाओं में ओवरी, यूट्रेस और ब्रेस्ट में होने वाले रोगों के सफल उपचार पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ गुप्ता को तीन प्रकार के रोगों पर व्याख्यान के लिए डेढ़ घंटे का समय निर्धारित किया गया था, जैसे ही एक रोग का व्याख्यान समाप्त हुआ तभी आयोजकों ने इशारा किया कि लंच का समय हो गया है, इस पर मजबूरीवश डॉ गुप्ता को अपना व्याख्यान रोकना पड़ा, लेकिन वहां मौजूद प्रतिभागी डॉ गुप्ता को सुनना चाहते थे, उन्होंने लेक्चर जारी रखने की मांग की। इस पर डॉ गुप्ता ने एक और रोग के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किया, तब तक लंच के लिए और देर हो चुकी थी, इसलिए एक बार फिर व्याख्यान पर ब्रेक लगाना पड़ा, आयोजकों ने कहा कि कार्यक्रम के अंत में डॉ गिरीश गुप्ता से व्याख्यान पूरा करा दिया जायेगा, लेकिन प्रतिभागियों को यह सुझाव पसंद नहीं आया, नतीजा यह हुआ कि लंच समाप्त होते ही डॉ गिरीश गुप्ता का नाम मंच से एनाउंस कर दिया गया, तब बचे हुए एक और रोग पर आधे घंटे का व्याख्यान पूरा कराया गया।

डॉ गुप्ता ने ऐवीडेंस बेस्‍ड रिसर्च ऑफ होम्‍योपैथी इन गाइनीकोलॉजी विषय के तहत ओवेरियन सिस्ट, यूट्राइन फाइब्राइड और फाइब्रोएडेनोमा ऑफ ब्रेस्ट का बिना सर्जरी सफल इलाज किये जाने पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया, उन्होंने इन तीनों रोगों के तीन-तीन मॉडल केसेज को विस्तार से प्रस्तुत किया, साथ ही इन रोगों पर की गयी अपनी स्टडी और उसके जर्नल में हुए प्रकाशन के बारे में जानकारी दी। वहां मौजूद प्रतिभागियों ने इस दौरान अपनी क्वैरी भी रखीं, जिनका उत्तर डॉ गिरीश ने देकर उन्हें संतुष्ट किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.