Saturday , November 23 2024

हाथ की स्वच्छता और मास्क का महत्व सिखा गया कोरोना : प्रो धीमन

-“विश्व हाथ स्वच्छता दिवस” के अवसर पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

-संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने मनाया 36वां स्थापना दिवस

सेहत टाइम्स

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमन ने हाथ की स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए रोगी की देखभाल और आईसीयू में बैक्टीरिया में दवा प्रतिरोध के बढ़ते बोझ को रोकने के लिए हाथ की स्वच्छता के महत्व को समझाते हुए कहा कि हाथों को साफ रखने से 3 में से 1 को डायरिया रोग और 5 में से 1 को श्वसन संक्रमण जैसे सामान्य सर्दी या फ्लू को रोका जा सकता है। इन संक्रमणों को हाथ रगड़ने या सिर्फ साबुन और पानी से हाथ धोने से आसानी से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमें सिखाया है कि मास्क पहनना और हाथ की स्वच्छता हमारे बचाव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रो धीमन ने ये विचार आज 4 मई को संस्थान के टेलीमेडिसिन सभागार में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के 36वें स्थापना दिवस व पूर्व छात्र सम्मेलन के आयोजन एवं “विश्व हाथ स्वच्छता दिवस” के अवसर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में व्यक्त किये।

ज्ञात हो संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा 5 मई को विभाग का स्थापना दिवस मनाया जाता है लेकिन इस बार 5 मई को रविवार होने के कारण एक दिन पूर्व समारोह का आयोजन किया गया। स्थापना दिवस और पूर्व छात्र सम्मेलन बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। साथ ही विश्व हाथ स्वच्छता दिवस के अवसर पर, जो हर साल 5 मई को मनाया जाता है, आज जागरूकता कार्यक्रम भी हुआ। विश्व हाथ स्वच्छता दिवस की इस वर्ष की थीम “अभिनव और प्रभावशाली प्रशिक्षण के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं के ज्ञान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना” पर आधारित एक रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन 3 मईको किया गया था, जिसके विजेताओं को आज पुरुस्कार दिये गये।

प्रथम पुरस्कार वाली रंगोली

आज के कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों डॉ. आर.के. धीमन, निदेशक, संजय गांधी पी जी आई, डॉ. शालीन कुमार, डीन,और डॉ. रूंगमेई एस.के. मराक, प्रोफेसर और प्रमुख, माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा दीप प्रज्ज्वलन समारोह के साथ हुई। समारोह में विभाग के संकाय सदस्य और पूर्व छात्र उपस्थित थे।

डॉ. शालीन कुमार, डीन ने बेहतर रोगी देखभाल के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के बीच हाथ की स्वच्छता को महत्व दिया। इसके अतिरिक्त आरएमएलआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. मनोदीप सेन ने “संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण पर ज्ञान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना” विषय पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें उचित रक्त संग्रह तकनीकों, हाथ की स्वच्छता के लिए सिफारिशों, उचित हाथ स्वच्छता उत्पादों के चयन व विश्व स्वास्थ्य संगठन के हाथ स्वच्छता दिवस के उद्देश्यो पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की गई।

प्रोफेसर चिन्मय साहू, एडिशनल प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी एसजीपी जी आई ने”संवेदनशीलता के ब्रेकप्वाइंट बनाम एमआईसी ब्रेकप्वाइंट की भूमिका” पर एक व्याख्यान दिया। संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के स्नातकोत्तर छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा विश्व हाथ स्वच्छता दिवस पर आधारित एक जानकारीपूर्ण लघु नाटिका और नृत्य प्रस्तुत किया गया। डॉ. केएन प्रसाद, प्रोफेसर और पूर्व-एचओडी ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अपने यादगार अनुभव साझा किये। इसके बाद माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. अजय कुमार दीक्षित, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी और मलय धर, मुख्य तकनीकी अधिकारी ने अपने अनुभवों को साझा किया।

रंगोली प्रतियोगिता के प्रतिभागियों ने थीम को उपयुक्त ढंग से चित्रित और उद्धृत किया था। कार्यक्रम के बाद रंगोली प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। स्थापना दिवस पर सुबह हाथ की स्वच्छता पर वैज्ञानिक सत्र और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम में 80 से अधिक पूर्व छात्रों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चिन्मय साहू द्वारा किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.