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फेफड़े के एक्सरे में धब्बे का मतलब टीबी हो, यह जरूरी नहीं : डॉ सूर्यकान्त

-केजीएमयू में आयोजित दो दिवसीय 18वीं पल्मोनरी पीजी अपडेट का समापन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के तत्वावधान में नॉर्थ जोन के नौ राज्यों के करीब 250 पीजी स्टूडेंट्स की दो दिवसीय 18वीं पल्मोनरी पीजी अपडेट का रविवार को समापन हो गया। कांफ्रेंस के दूसरे दिन फेफड़ों के एक्स-रे पर पीजी स्टूडेंट्स की विशेषज्ञता में वृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण व्याख्यान अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सकों के हुए। समापन मौके पर नॉर्थ जोन टीबी टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन, इंडियन चेस्ट सोसायटी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने कहा कि हर चमकती चीज जैसे सोना नहीं होती, उसी तरह से फेफड़ों के एक्स-रे में दिखने वाला हर धब्बा टीबी नहीं होता।

डॉ. सूर्यकान्त ने कहा कि फेफड़ों के एक्स-रे से केवल टीबी ही नहीं बल्कि कई अन्य बीमारियों के बारे में भी सावधानीपूर्वक पता लगाया जा सकता है। इनमें तो कई ऐसी बीमारियाँ भी होती हैं जो एक्स-रे में टीबी जैसी ही लगती हैं। उन्होंने बताया कि इन बीमारियों में प्रमुख रूप से लंग कैंसर, इंटरशियल लंग डिजीज (आईएलडी), सीओपीडी, एक्यूट रेस्परेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस), निमोनिया, ट्रोपिकल पल्मोनरी ईओसिनोफीलिया (टीपीई), लंग फाइब्रोसिस, ब्रान्काइटिस शामिल हैं ।
दो दिवसीय मेगा इवेंट के आखिरी दिन पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. दिगम्बर बेहरा ने लंग कैंसर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को बड़े ही सरल और सहज अंदाज में पीजी स्टूडेंट्स से साझा किया। एम्स दिल्ली के डॉ. अनंत मोहन ने निमोनिया पर व्याख्यान प्रस्तुत किया । एम्स ऋषिकेष के डॉ. मयंक मिश्रा ने लंग ट्यूमर के उपचार में क्रायोथेरेपी की भूमिका पर विस्तार से बताया । एम्स जोधपुर के डॉ. नवीन दत्त ने इंटरशियल लंग डिजीज से जुड़ी बारीकियों के बारे में बताया । पीजीआई रोहतक के डॉ. पवन कुमार सिंह ने एक्यूट रेस्परेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) के बारे में विस्तार से बताया। इस दो दिवसीय मेगा इवेंट में प्रशिक्षकों में प्रमुख रूप से एम्स दिल्ली, एम्स ऋषिकेष, एम्स जोधपुर, पीजीआई चंडीगढ़, पीजीआई रोहतक, केजीएमयू, एसजीपीजीआई लखनऊ और सीएमसी वेल्लोर (तमिलनाडु) के फैकल्टी मेम्बर शामिल रहे। युवा चिकित्सकों के मध्य रविवार को पल्मोनरी क्विज का भी आयोजन किया गया, जिसका संचालन इंडियन चेस्ट सोसायटी यूपी चैप्टर के सचिव डॉ. अशोक कुमार सिंह ने किया।

कार्यक्रम को गुणवत्तापरक बनाने में रेस्परेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट-केजीएमयू के डॉ. आर.एस. कुशवाहा, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. दर्शन बजाज, डॉ. आनन्द श्रीवास्तव, डॉ. ज्योति वाजपेयी, डॉ. अंकित कटियार, डॉ. गौरव, डॉ. नेहा, डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. योगिता, डॉ. पंखुरी आदि की प्रमुख भूमिका रही ।

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