-पहली मार्च को दो मरीजों की UROLIFT विधि से की गयी प्रोस्टेट सर्जरी
सेहत टाइम्स
लखनऊ। बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि के उन रोगियों के लिए एक अच्छी खबर है जिन्हें सर्जरी करने के लिए जनरल एनेस्थीसिया नहीं दिया जा सकता है। यहां स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के यूरोलॉजी विभाग में आधुनिक तकनीक यूरोलिफ्ट UROLIFT से छोटी सी सर्जरी कर प्रोस्टेट का इलाज किया जाना आरम्भ हो गया है। संस्थान में 1 मार्च को UROLIFT विधि से दो मरीजों की सफल सर्जरी की गई है। इस सर्जरी में मरीज को अस्पताल में रुकने की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
यह जानकारी देते हुए यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ ईश्वर राम धायल ने बताया कि प्रोस्टेट (सामान्य भाषा में गदूद) पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से होती है जिससे पेशाब संबंधी दिक्कतें, जैसे बार-बार पेशाब आना, रुक-रुक कर आना, पेशाब में जलन इत्यादि की समस्या हो जाती है।
उन्होंने बताया कि सामान्यतः प्रोस्टेट सर्जरी बेहोश करके की जाती है लेकिन ऐसे रोगी जिन्हें किसी वजह से एनेस्थीसिया नहीं दिया जा सकता है, उनके लिए यह विधि वरदान की तरह है। उन्होंने बताया कि यूरोलिफ्ट सर्जरी एक मिनिमल इनवेसिव एवं नवीन तकनीक है जो बिना बेहोशी या सुन्न किये मात्र लोकल एनेस्थीसिया में हो जाती है। उन्होंने बताया कि यही नहीं इसमें ऑपरेशन के बाद कैथेटर लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है और ना ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है।
उन्होंने बताया कि एक मार्च को यूरोलॉजी विभाग में दो मरीजों की यूरोलिफ्ट UROLIFT सर्जरी की गई। इस सर्जरी में डॉ ईश्वर राम धायल के साथ लंदन स्थित नॉर्थ वेस्ट हॉस्पिटल के डॉ राजेश कविया, डॉ आलोक श्रीवास्तव, डॉ संजीव सिंह, डॉ प्रशांत चौहान और डॉ स्मारिका मिश्रा शामिल रहे।