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इंडो-यूके इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ मेडिसिटी में 20 प्रतिशत तक मरीजों का इलाज होगा मुफ्त

एनएचएस हॉस्पिटल के साथ सहयोग से 1000 बिस्तरवाला अस्पताल बनाया जाएगा

लखनऊ। दुनिया के सबसे बड़े हैल्थकेयर प्रोजेक्ट्स में से एक इंडो-यूके इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ (आईयूआईएच) ने राज्य में एक इंटिग्रेटेड आईयूआईएच मेडिसिटी की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता (एमओयू) किया है। इस समझौते पर यू पी इन्वेस्टर समिट 2018 के दौरान हस्ताक्षर किए गए। इस पहल से राज्य के लोगों को विश्वस्तरीय एनएचएस स्टैंडर्ड की किफायती और विश्वसनीय हैल्थकेयर सुविधाएं मिलेंगी।

इंडो-यूके इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ (आईयूआईएच) मेडिसिटी प्रोग्राम की घोषणा वर्ष 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूनाइटेड किंगडम के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बीच ज्वाइंट स्टेटमेंट के माध्यम से की गई थी। इस प्रोग्राम में भारतीय हैल्थकेयर सेक्टर में 19200 करोड़ रुपए का निवेश भी शामिल है, जिसका उद्देश्य दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हैल्थकेयर सिस्टम नेशनल हैल्थ सर्विस (एनएचएस), यूके के साथ साझेदारी के माध्यम से भारत भर में 11 संस्थान खोलना है,जिसका फायदा 40 करोड़ भारतीयों को मिलेगा।

आईयूआईएच के प्रबंध निदेशक और ग्रुप सीईओ डॉ. अजय राजन गुप्ता के मुताबिक, ‘लखनऊ में आईयूआईएच मेडिसिटी के विकास पर 1000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इसके तहत यूके के अग्रणी एनएचएस हॉस्पिटल के साथ सहयोग से एक 1000 बिस्तरवाला अस्पताल बनाया जाएगा। आईयूआईएच की इकाइयों में 20 प्रतिशत तक मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा।’

उत्तर प्रदेश में आईयूआईएच मेडिसिटी में मेडिकल कॉलेज,नर्सिंग कॉलेज, पीजी एकेडमी और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए प्रशिक्षण की सुविधा भी होगी। यहां पर मेडिकल उपकरण और डिवाइस विनिर्माण के लिए एक अलग जोन भी होगा। आईयूआईएच के मेडिसिटीज में मरीजों के उपलब्ध डाटा के आधार पर जीनोमिक्स एंड स्टेम सेल्स,ट्रांसलेश्नल रिसर्च और क्लीनिकल रिसर्च जैसे क्षेत्रों में उच्चस्तरीय मेडिकल रिसर्च भी की जाएगी।

आईयूआईएच के सीओओ डॉ. राजदीप सिंह चीना ने कहा, ‘इसका उद्देश्य हर आईयूआईएच मेडिसिटी को मेडिकल टूरिज्म के एक हब के तौर पर विकसित करना और दुनिया भर के मरीजों को आकर्षित करना है। मेडिकल टूरिज्म बिजनेस की संभावना को भुनाने के लिए किफायती एनएचएस स्टैंडर्ड हैल्थकेयर हमारी सफलता का फार्मूला है। इससे न सिर्फ सरकारी खजाने में योगदान किया जाएगा,बल्कि क्षेत्र का भी विकास होगा। यह सरकार की स्मार्टसिटी योजना के अनुरूप ही है।’

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