लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भीषण आग में गोपनीय फाइलें जलकर राख हो गयी हैं. यह आग मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल के कमरे में लगी. फिलहाल आग लगने की वजह का पता नहीं चला है। इस भयानक आग में 4आलमारियों में रखी गोपनीय फाइलें जल गई हैं। आग से प्राचार्य कक्ष और उनके साथ लगा प्राचार्य के निजी सहायक का कक्ष बुरी तरह जल गया है.
खबर मिल रही है कि इस आग में 70 से ज्यादा गोपनीय फाइलों के जल जाने की संभावना है. ज्ञात हो कि प्राचार्य और उनके सहायक के पास बेहद गोपनीय फाइलें ही होती हैं. ऐसे में इस आग लगने की घटना को संदेह की दृष्टि से भी देखा जा रहा है. फिलहाल पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है।
यह अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ही कही जायेगी कि प्रधानाचार्य कार्यालय में लगाए गए फायर उपकरण भी धोखा दे गए. आग सुबह 9.40 बजे के करीब लगी थी। कुछ कर्मचारी कार्यालय आ गए थे, उन्होंने आग बुझाने के लिए फायर एस्टिंग्विशर समेत अन्य उपकरणों का प्रयोग करना चाहा लेकिन वे काम नहीं कर रहे थे। तत्काल फायर बिग्रेड को सूचना दी गई लेकिन उनके आने तक प्राचार्य और उनके सहायक का कमरा बुरी तरह जल गया था.
मौके पर पहुंचे एसपी नॉर्थ गणेश साहा ने कहा कि मामले की जांच मुख्य अग्नि-शमन अधिकारी को जांच सौंपी गई है। वे आग लगने के कारणों और हुए नुकसान की क्षति का आंकलन करेंगे। उन्हें जल्द से जल्द से रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। आग को बुझाने में सात फायर टेंडर लगाए गए। जबकि दूसरी ओर जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने बताया कि मेडिकल कालेज प्राचार्य के कक्ष में लगी आग की जांच एडीएम सिटी को सौंपी दी गई है। पूरे मामले की जांच कर जल्द ही उन्हें रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि बीआरडी मेडिकल कालेज बीते अगस्त माह में 72 घंटों के भीतर 63 बच्चों की मौत चर्चा में आया था। आक्सीजनकांड के दौरान आरोप लगा था कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते बच्चों ने दम तोड़ दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की 4 सदस्यीय कमेटी ने गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में हुए बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोगों और हादसे के दोषियों की पहचान की थी। मुख्यमंत्री ने यह जांच रिपोर्ट मिलने कर कार्यवाही का आदेश दिया था.
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की कमेटी की अनुशंसाओं को स्वीकार करते हुए कड़ी कार्रवाई करने के आदेश जारी किया था। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स के संचालकों, प्रधानाचार्य डॉक्टर राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी समेत सात से ज्यादा कर्मचारियों-डॉक्टरों को इस मामले में नामजद किया था. उनके खिलाफ लापरवाही, भ्रष्टाचार और गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ है। इस मामले के सभी आरोपी फिलहाल गिरफ्तार हैं।