-आयोग की लोगों से जागरूक रहने की अपील, कोविड की तरह बरतें सावधानी
सेहत टाइम्स
नई दिल्ली। भारत में वायरल इन्फ्लुएंजा के सब वेरिएंट H3N2 के मामले को लेकर शनिवार को नीति आयोग की बैठक आयोजित की गयी। नीति आयोग ने कोविड वर्किंग ग्रुप, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक में वायरस की समीक्षा की। इसके साथ ही आयोग ने राज्यों को वायरस से निपटने का आदेश दिया है। इसके साथ ही यह भी जांच करने को कहा है कि अस्पताल में मैन पावर, मेडिकल ऑक्सीजन है या नहीं। आयोग ने इसके लिए लोगों को जागरूक होने और कार्रवाई करने को कहा है।
आयोग ने इन्फ्लुएंजा से निपटने के लिए कोरोना वायरस जैसे नियमों का पालन कराने के आदेश देते हुए कहा है कि इसके लिए लोगों को सावधान रहना होगा। आयोग ने कहा है कि नाक और मुंह को ढंक कर रखना चाहिए। यह भी सलाह दी गई है कि हो सके तो भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद जांच कराएं और लक्षण दिखने पर इलाज कराएं।
इससे पहले केंद्र के कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने पर चिंता जतायी गयी और कहा गया कि इससे निपटने की तत्काल आवश्यकता है। केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण के मामले में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या संबंधित बीमारियों से निपटने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर कहा है, ‘हालांकि, पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस के मामलों में कमी आ रही है, लेकिन कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी चिंताजनक है और इसे जल्दी कम किया जाना चाहिए।’
भारत में स्थिति
आईडीएपी-आईएचआईपी के आंकड़ों के मुताबिक, 9 मार्च तक इन्फ्लूएंजा के विभिन्न रूपों के 3038 मामले सामने आए हैं, इसमें एच3एन2 के मामले भी शामिल हैं, इस आंकड़े में जनवरी में 1245, फरवरी में 1307 और 9 मार्च तक 496 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि सांस की गंभीर बीमारी या इन्फ्लूएंजा के कुल मामलों की बात करें तो जनवरी में 3,97,814 मामले सामने आए, फरवरी तक यह बढ़कर 4,36,523 हो गई थी। मार्च के पहले नौ दिनों में यह संख्या बढ़कर 1,33,412 हो गई है।