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माहवारी एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया, इसे छुपाने और शर्म करने की जरूरत नहीं

-केजीएमयू में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में इस विषय पर चर्चा करने व जागरूकता फैलाने पर दिया गया जोर

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। माहवारी एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है, जिसे न छुपाने की और न शर्म करने की जरूरत है, बल्कि इस विषय पर चर्चा एवं जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

यह बात शनिवार को यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थित कलाम सेंटर भवन में आयोजित मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता एवं स्वास्थ्य पर जागरूकता कार्यक्रम में केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ पुष्प लता संखवार ने अपने उद्बोधन में कही।

इस कार्यक्रम का आयोजन केजीएमयू के स्टूडेंट वेलफेयर एवं नर्सिंग संकाय के डीन डॉ आरएन श्रीवास्तव ने किया। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एक अन्य प्रोफ़ेसर डॉ रेखा सचान ने भी इस विषय पर जागरूक करते हुए कहा कि माहवारी से संबंधित गलत धारणाएं, जैसे मंदिर न जाना, अचार न खाना और न छूना, बालिकाओं को स्कूल न जाने देना जैसी बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये सभी गलत धारणाएं हैं क्योंकि माहवारी महिलाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि माहवारी स्वच्छ एवं सुरक्षित हो, इसके लिए आवश्यक है कि शौचालय, साबुन एवं पानी तथा सस्ते एवं स्वच्छ सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाएं।

इस कार्यक्रम में डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर डॉ एके त्रिपाठी, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो डॉ आरएन श्रीवास्तव, डीन कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रोफेसर डॉ पुनीता मानिक, नर्सिंग कॉलेज जालौन की प्रधानाचार्य डॉ रीना राज तथा नाइन फाउंडेशन के प्रतिनिधि आकाश शुक्ला भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में लगभग 250 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर नाइन फाउंडेशन की ओर से उपस्थित सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क सैनिटरी नैपकिन वितरित किए गए।

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