-मोटे अनाज से बने आहार भी शामिल होंगे अस्पताल में दिये जाने वाले भोजन में
-राष्ट्रीय डाइटेटिक्स दिवस पर आयोजित कार्यशाला में किया गया स्वादिष्ट व्यंजनों का प्रदर्शन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। राष्ट्रीय डाइटेटिक्स दिवस (National Dietetics Day) (10 जनवरी) के अवसर पर डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के आहार विभाग की टीम ने मरीज एवं उनके तीमारदारों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मरीजों में मोटे अनाज जैसे ज्वार बाजरा, कुट्टु, मडुआ आदि के पोषण महत्व एवं उनसे बने अनेक रोचक व्यंजन के बारे में अवगत कराना था।
यह जानकारी देते हुए संस्थान द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर सम्पूर्ण विश्व में वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिलेट ईयर International millet year के रूप में मनाया जा रहा है। इसी उपलक्ष्य में निदेशक डॉ सोनिया नित्यानंद के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
आहार विभाग की विभागाध्यक्ष पूनम तिवारी एवं उनकी टीम ने मरीजों को मोटे अनाज से बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों के बारे में भोजन का प्रदर्शन करके दिखाया। संस्थान की निदेशक ने मरीजों से कहा कि यदि हम अपने आहार को ठीक रखेंगे तो कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं। उन्होंने मरीजों के लिए रेसिपी बुक भी उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण सुझाव दिया।
कार्यक्रम में संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी एग्जेक्युटिव रजिस्ट्रार डॉ ज्योत्सना अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजन भटनागर, चिकित्सा अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह भी मौजूद थे। डॉ विक्रम सिंह ने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि कैसे मोटा अनाज, जो आज दुनिया भर में प्रसिद्ध है, उसको हम अपने लोकल स्तर तथा अपने ग्रामीण क्षेत्र में भी बढ़ा सकते हैं ताकि इसका फायदा हमारे किसानों को भी हो। मरीजों ने आहार एवं अपने रोग संबंधित प्रश्न भी वहां उपस्थित चिकित्सक, डॉ नम्रता राव, डॉ स्मिता चौहान से पूछे एवं जानकारी हासिल की। डायटीशियन पूनम तिवारी ने यह भी बताया कि भविष्य में संस्थान में भर्ती मरीजों को मोटे अनाज से बने भोजन भी वितरित किए जाएंगे ताकि सरकार की इस पहल को प्रत्येक जान मानस तक पहुंचा सकें। विभाग की अन्य डायटीशियन अनामिका सिंह, डॉली इदरीसी, प्रियंका सिंह, अंदलीप रिज़वी, गायत्री कश्यप, शिवानी पाठक, प्रतिभा दीक्षित, पूनम ओमरे के साथ ही इंटर्न्स ने भी अपनी प्रतिभागिता की। इस कार्यशाला में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी रुचि दिखाई।