-डेंगू से निपटने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाने के साथ ही दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये डिप्टी सीएम ने
सेहत टाइम्स
लखनऊ। चिकित्सा स्वास्थ्य के मंत्री व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि आजकल डेंगू का जोर है, ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि अस्पताल आने वाला डेंगू पीड़ित कोई भी मरीज बगैर उपचार के न लौटे। डेंगू से निपटने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो।
ब्रजेश पाठक ने यह निर्देश मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में आहूत समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी चिकित्सालय में दवाओं की कमी न हो और मरीजों को बाहर से दवाएं न लिखी जाएं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए, जिसके माध्यम से समस्त चिकित्सालयों में मरीजों के उपचार एवं अन्य चिकित्सकीय सेवाओं का अनुश्रवण किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी सीएमओ व सीएमएस से संपर्क कर जानकारी ली जाए कि उनके यहां चिकित्सालय में मरीजों के उपचार, एंबुलेंस, साफ सफाई एवं पेयजल आदि की क्या स्थिति है।
उन्होंने प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए समुचित अध्ययन कर चिकित्सकों की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश भी जारी किए। उन्होंने कहा कि मरीजों की देखभाल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य लिली सिंह, निदेशक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, निदेशक, मेडिकल केयर एवं संयुक्त निदेशक डॉ राजीव बंसवाल उपस्थित रहे।
लखनऊ में 34 और डेंगू के रोगी चिन्हित
आज पहली नवम्बर को लखनऊ जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में 34 डेंगू धनात्मक रोगी पाए गये। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत अलीगंज-03, ऐशबाग-02, चन्दरनगर-02, गोसाईगंज-01, इन्दिरानगर-04, चिनहट-03, एन0के0 रोड-03, सिल्वर जुबली-03, टूडियागंज-02, रेडक्रास-03, मलिहाबाद-02, बी0के0टी0-03, काकोरी-03 में केस पाए गए। आज लगभग 1909 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया और कुल 12 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी, लखनऊ के निर्देशों के क्रम में डा0 सोमनाथ, उप मुख्य चिकित्साधिकारी (वीबीडी) एवं डा0 निशान्त निर्वाण, चिकित्साधिकारी द्वारा आशियाना एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में मच्छर जनित स्थितियों का जायजा लेने के लिए निरीक्षण किया गया तथा क्षेत्र में कार्यरत टीम को आवश्यक निर्देश निर्गत किये गये।