-7 से 9 अक्टूबर तक तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया उप मुख्यमंत्री ने
सेहत टाइम्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा के कैबिनेट मंत्री के साथ ही उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आशा जतायी है कि टीबी और चेस्ट रोग पर 7 से 9 अक्टूबर हो रही तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस से निकलने वाले सुझावों से भारत ही नहीं बल्कि दुनिया को रास्ता मिलेगा और ये सुझाव भारत में 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होंगे।
उप मुख्यमंत्री ने ये विचार शनिवार 8 अक्टूबर को यहां केजीएमयू में चल रही यूपीटीबीसीकॉन-2022 का औपचारिक उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में किये। उन्होंने कहा कि भारत ने आदिकाल से विश्व की अगुवाई की है, हमारे ऋषि-मुनियों ने च्यवनप्राश बनाया जो कि रोग प्रतिरोधक शक्ति का अच्छा स्रोत है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2030 तक टीबी को समाप्त करने की अवधारणा पर प्रधानमंत्री ने देश से 2025 तक टीबी को समाप्त करने का जो लक्ष्य दिया है उसे पूरा करने की दिशा में हमारी राज्यपाल ने अच्छी पहल की है। चूंकि टीबी में इलाज के साथ ही अच्छे खानपान की भी भूमिका होती है कि इसके लिए राज्यपाल ने टीबी के मरीजों को जो गोद लेने का आह्वान किया था, उनकी यह पहल रंग लायी है और अब तक बहुत से लोगों को गोद लिया गया है, भाजपा ने भी अभी सेवा पखवाड़ा के दौरान सांसदों, विधायकों व भाजपा के पदाधिकारियों ने बहुत से टीबी मरीजों को गोद लिया है। इसके साथ ही केंद्र की योजना के तहत मरीज को अच्छे खानपान के लिए 500 रुपये प्रतिमाह भी दिये जाते हैं।
उन्होंने कहा कि यह सही है कि टीबी उन्मूलन तभी हो सकेगा जब सभी टीबी मरीज सामने आकर इलाज लेंगे, ऐसे में इन मरीजों को ढूंढ़ने के लिए घर-घर जाने का अभियान चलेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और मनोयोग से करना होगा, अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं तो कुर्सी छोड़ दें। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमें कार्य जो मिलता है वह ईश्वर की मर्जी से मिलता है, ऐसे में अगर हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा करने का मौका मिला है तो हम अपने इस कर्तव्य का निर्वहन पूरे मनोयोग से करें।
उन्होंने नर्सिंग भर्ती में योग्य अभ्यर्थियों के न मिलने का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों को इस ओर ध्यान देना होगा। वे अपने गुरु की दी हुई शिक्षा को ग्रहण करें, तथा अपना भविष्य उज्ज्वल करें। उन्होंने कहा कि गुरु अगर आपके साथ हैं तो आपका भविष्य उज्ज्वल है। उच्च कोटि की चिकित्सा के लिए उच्च कोटि के बच्चे तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि जल्दी ही पैरामेडिकल और नर्सिंग के 52,000 पदों पर भर्ती के विज्ञापन निकाले जायेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा विचार किया जा रहा है कि 11वीं और 12वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चों को उनकी पढ़ाई के दौरान ही बताना चाहिये कि सेवा करने के लिए नर्सिंग-पैरामेडिकल कोर्स करें और मरीजों की सेवा करें।
इससे पूर्व स्वागत सम्बोधन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष बीसी राय अवार्डी वल्लभ भाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के भूतपूर्व निदेशक डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि टीबी के एक चौथाई मरीजों को अभी भी खोजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीबी के साथ ही सीओपीडी, अस्थमा जैसी अन्य पल्मोनरी यानी फेफड़े सम्बन्धी बीमारियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि आज भी ओपीडी में आने वाले मरीजों में 40 से 50 प्रतिशत मरीज रेस्पाइरेटरी के लक्षण लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि टीबी के रोगियों से कहीं ज्यादा मरीज सीओपीडी के हैं, भारत में करीब 5 करोड़ और यूपी में 1 करोड़ लोग इसके शिकार हैं, इसकी वजह धूम्रपान के साथ ही अन्य प्रकार के इंधन के धुएं और प्रदूषण हैं। इसी प्रकार पूरे विश्व में अस्थमा से पांच लाख लोग हर वर्ष दम तोड़ रहे हैं, इनमें से 45 प्रतिशत मृत्यु भारत में हो रही हैं।
समारोह में धन्यवाद प्रस्ताव आयोजन सचिव पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश ने रखा। उन्होंने समारोह में शामिल होने के लिए मुख्य अतिथि ब्रजेश पाठक, विशिष्ट अतिथि केजीएमयू के कुलपति ले.ज.डॉ बिपिन पुरी के साथ ही यूपी टीबी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी त्रिपाठी, यूपी टीबी एसोसिएशन के महासचिव डॉ टीपी सिंह, एसपीओ डॉ शैलेन्द्र भटनागर, केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के हेड यूपी टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ सूर्यकान्त, रीजनल डाइरेक्टर द यूनियन साउथ ईस्ट एशिया ऐट इंटरनेशनल यूनियन अगेन्स्ट ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज डॉ कुलदीप सिंह सचदेवा के साथ ही समारोह में शामिल न हो पाने वाली यूपी टीबी एसोसिएशन की सभापति राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का भी आभार जताया।