-सरकारी अस्पतालों में प्रिस्क्रिपशन के नीचे डॉक्टर के हस्ताक्षर के साथ नाम भी लिखना जरूरी
-आरटीआई के द्वारा मांगी गयी सूचना के जवाब में नेशनल मेडिकल कमीशन ने दी नियमों की जानकारी

सेहत टाइम्स
लखनऊ। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (नेशनल मेडिकल कमीशन) ने एक बार फिर स्पष्ट किया है चिकित्सकों को कहां-कहां अपनी डिग्री के साथ पंजीकरण संख्या लिखना अनिवार्य है।
वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट डॉ रोहित जैन के आरटीआई के द्वारा जांच रिपोर्ट पैथोलॉजिस्ट को अपने रजिस्ट्रेशन नम्बर लिखने की अनिवार्यता पर मांगी गई सूचना का जवाब देते हुए आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि प्रत्येक चिकित्सक, जहां अपना नाम लिखें वहां रजिस्ट्रेशन नम्बर को डिस्प्ले करना अनिवार्य है। इसके साथ ही प्रत्येक चिकित्सक को अपने राज्य की मेडिकल काउंसिल या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार अपनी क्लीनिक पर, प्रिसक्रिप्शन पर, जारी किए जाने वाले प्रमाण पत्र और प्राप्त रुपयों की रसीद पर भी अपना रजिस्ट्रेशन नंबर लिखना होगा।
आयोग ने कहा है कि इसके अतिरिक्त चिकित्सक अपने नाम के आगे उन्हीं डिग्रियों और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और सदस्यता/सम्मान को डिस्प्ले कर सकते हैं जो रिकॉग्नाइज हो साथ ही व्यावसायिक ज्ञान प्रदान करता है या किसी अनुकरणीय योग्यता उपलब्धियों को मान्यता देता है।
कमीशन ने कहा है कि इसके अलावा चिकित्सक को अपने प्रिसक्रिप्शन लेटर हेड पर अपने नाम और पद के साथ पंजीकरण विवरण को लिखना अनिवार्य है। आयोग ने यह भी कहा है कि सरकारी अस्पताल जहां पर मरीजों का लोड ज्यादा है, वहां पर नुस्खा लिखने वाले डॉक्टर के हस्ताक्षर के नीचे नाम लिखना अनिवार्य है।

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