लखनऊ। एक जमाना था जब छोटे बच्चे को बाहर ले जाते समय उसकी मल-मूत्र त्याग करने की क्रियाओं को लेकर माताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ती थी क्योंकि हर बार लंगोटी और अन्य कपड़े बदलना उनकी मजबूरी होती थी साथ ही बच्चे को गोद में लेने वाले के भी कपड़े खराब हो जातेे थे। बदलते जमाने के साथ आया डायपर, जिसने माताओं का यह टेंशन खत्म कर दिया। लेकिन डायपर के इस्तेमाल को लेकर काफी ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही आपके बच्चे की सेहत खराब कर सकती है।
इस बारे में लखनऊ स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक तथा बाल रोग विशेषज्ञ डॉ ओमकार यादव बताते हैं कि माताओं को बच्चे के लिए डायपर का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करने की आवश्यकता है। डायपर को समय-समय पर बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि चूंकि मल-मूत्र शरीर का वेस्टेज पदार्थ होता है ऐसे में इसके बाहर आने के बाद बच्चे से इसका लम्बे समय तक कॉन्टेक्ट में बने रहना बच्चे को बीमार बना सकता है।
लापरवाही के साथ डायपर का इस्तेमाल करने से बच्चे को होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए डॉ यादव ने कहा कि डायपर में अगर मल-मूत्र के सम्पर्क में बच्चा लम्बे समय तक रहा तो उसकी डायपर पहनने वाले भाग में रैशेज पड़ सकते हैं। इसके अलावा जननांगों में संक्रमण होने का खतरा भी पैदा हो जाता है। जननांगों में संक्रमण का खतरा लडक़ों की अपेक्षा लड़कियों में ज्यादा होता है। डॉ यादव ने सलाह दी कि डायपर का इस्तेमाल पार्टी वगैरह में जाने के लिए या घर में भी करना चाहें तो जरूर करें लेकिन इसे समय-समय पर गंदा हो जाने पर बदलने का जरूर ध्यान रखें। क्योंकि कहीं ऐसा न हो अपनी परेशानी बचाने के चक्कर में आप अपने बच्चे को परेशानी में न डाल दें।