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बलरामपुर अस्पताल के सर्जन ने रचा इतिहास, ब्रेस्ट से निकाला 900 ग्राम का ट्यूमर

 

ब्रेस्ट सुरक्षित, नहीं आयेगी दाम्पत्य, मातृत्व  जीवन में रूकावट, वर्ल्ड जर्नल में केस होगा दर्ज

 

लखनऊ। सिर्फ 10 वर्ष की आयु की लडकी, ब्रेस्ट में 900 ग्राम का ट्यूमर, ब्रेस्ट को सुरक्षित रखते हुए ट्यूमर को निकालना प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बलरामपुर हॉस्पिटल के सर्जन डॉ. एसआर समद्दर के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन फिर डॉ. समद्दर ने इस चुनौती को स्वीकार करने का मन बनाया. प्रकृति की अनमोल धरोहर बालिका, जो जन्मदात्री है, के बड़े होने पर विवाह, मातृत्व सुख जैसे अनमोल क्षणों के बारे में फिक्रमंद होकर डॉ. समद्दर ने वह कर दिखाया जो इतिहास बन गया. बालिका का ऑपरेशन करके न सिर्फ ट्यूमर निकाला गया बल्कि ब्रेस्ट बचा भी लिया गया.

 

सर्जन डॉ.एसआर समद्दर ने, सबसे कम उम्र की लडक़ी की ब्रेस्ट सर्जरी कर अपना व बलरामपुर अस्पताल का नाम चिकित्सकीय दुनिया की बाइबल मानी जाने वाले वर्ल्ड जनरल में दर्ज कराने की दस्तक दे दी है। उनका कहना है कि अब लडक़ी अपना दाम्पत्य व मातृत्व जीवन सामान्य रूप से व्यतीत कर सकेगी। यह केस विशेष इसलिए है क्योंकि ब्रेस्ट ट्यूमर के केस में दुनिया में अब तक 11 वर्षीय लडक़ी में 250 ग्राम का ट्यूमर रिपोर्टेड है। जबकि इस केस में 10 वर्षीय लडक़ी में 13 गुणा 9 सेमी क्षेत्रफल का 900 ग्राम का ट्यूमर था।

 

बिहार, मोतिहारी निवासी दस वर्षीय लडक़ी को ब्रेस्ट में गांठ थी, गांठ बढक़र ट्यूमर बन चुका था। केस पुराना होने व अत्यधिक बड़ा साइज का होने की वजह से जटिल भी हो गया था। रेशमा बीते एक साल से बिहार में इलाज करा रही थी, तमाम दवाओं के सेवन के बावजूद ट्यूमर में आराम न मिलने पर  वहों के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिये और लखनऊ भेज दिया। यहां पर निजी अस्पतालों से निराश होने के बाद 4 अक्टूबर को बलरामपुर अस्पताल में डॉ.एस आर समद्दर के अंडर में भर्ती किया गया, डॉ.समद्दर ने लडक़ी की वर्तमान उम्र और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए तत्काल आपरेशन करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद सोमवार को सुबह ओटी में तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लगभग 900 ग्राम का ट्यूमर निकालने में सफलता मिली। वर्तमान में लडक़ी खतरे बाहर है और वार्ड नं. 31 में बेड नं. 22 पर भर्ती है। सर्जरी करने वालो की टीम में सर्जन डॉ.समद्दर एवं आर्थोपैडिक सर्जन डॉ.आर के सक्सेना ,एनेस्थिेटिक डॉ.उत्तम कुमार के अलावा ओटी स्टाफ आइनिस चार्ल्स शामिल रहीं।

 

डॉ.समद्दर ने बताया कि दुनिया में सबसे कम उम्र में सबसे बड़ा ट्यूमर निकालने का कीर्तिमान हमारी टीम ने किया है। उन्होंने बताया कि सर्जरी के साथ ही ब्रेस्ट बचाना हम डॉक्टरों के लिए लिए चुनौती थी। तीन घंटे की कड़ी मेहनत के बाद ब्रेस्ट को सुरक्षित बचा लिया गया है। इस केस को जनरल में प्रकाशित होने के लिए भेजा जायेगा, क्योंकि यह केस दुनिया में सबसे कम उम्र में सबसे बड़ा ब्रेस्ट ट्यूमर था।

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