-इप्सेफ ने भेजा प्रधानमंत्री को पत्र, भीषण महंगाई बढ़ा रही कर्मचारियों की परेशानी
सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद ने बताया है कि पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर विगत माह सभी सांसदों को पत्र भेजे गए थे, ज्यादातर सांसदों का सकारात्मक रुख है ।कई केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
श्री मिश्र ने बताया कि रोज बढ़ रही भीषण महंगाई से वेतन भोगी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है ।क़र्ज़ भी नहीं चुका पा रहे हैं ,बच्चों की फीस जमा करना कठिन हो गया है ,घर गृहस्थी की स्थिति तो दयनीय हो गई है। गैस सिलिंडर का दाम भी बढ़कर 1000 हो गया है। श्री मिश्र ने मांग की है कि बढ़ी महंगाई के प्रतिशत के हिसाब से महंगाई भत्ते की क्षतिपूर्ति हो तथा आउटसोर्सिंग /संविदा /आंगनबाड़ी /सहायिका आदि के पारिश्रमिक में भी वृद्धि करें तथा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए नीति बनाएं । श्री मिश्र ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को कैशलेस इलाज शुरू करने के लिए बधाई दी है।
इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने बताया कि शासन एवं विभागीय स्तर पर संवादहीनता के कारण कर्मचारियों की समस्याएं लटकी पड़ी हैं । उत्तर प्रदेश के वेतन समिति की रिपोर्ट पर 4 वर्ष से मुख्य सचिव समिति की बैठक नहीं हो पा रही है जिससे लंबित पड़ी है । कई राज्यों में महंगाई भत्ता की किस्तें बाकी हैं ।रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति ,कैडर पुनर्गठन संवर्गों की सेवा नियमावलियां लंबित पड़ी हैं, जिससे सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पा रहा है । उन्होंने मुख्य सचिव के साथ 8 दिसंबर की बैठक में लिए गए निर्णय का क्रियान्वयन करने की मांग की है।
प्रेमचंद ने बताया कि 11 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में होने जा रही बैठक में आंदोलन करने का निर्णय लिया जा सकता है । भारत सरकार सर्वे करा ले तो पता चल जाएगा की कितना प्रतिशत कर्मचारी सरकार से नाराज है, जिसका परिणाम सत्ताधारी दल की सरकार के लिए हानिकारक होगा ।