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मासिक धर्म के दौरान हुआ संक्रमण डाल सकता है प्रजनन क्षमता पर असर

-केजीएमयू में आयोजित परिचर्चा में नर्सिंग, डेंटल, मेडिकल की छात्राओं को दी गयीं महत्‍वपूर्ण जानकारियां

-अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर केजीएमयू में मनाया जा रहा महिला सप्‍ताह

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। मासिक धर्म के दौरान सफाई का बहुत महत्‍व है, क्‍योंकि साफ-सफाई के अभाव में होने वाला संक्रमण प्रजनन पर भी असर डाल सकता है। यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की छात्राओं में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता पर जागरूकता फैलाने के लिए एक परिचर्चा में कही गयी।

केजीएमयू की मीडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि केजीएमयू में आयोजित इस परिचर्चा में चिकित्सा विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के छात्रों (नर्सिंग, डेंटल, मेडिकल) ने भागीदारी की। कार्यक्रम का संचालन चिकित्सा विश्वविद्यालय के महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि मासिक धर्म में स्वच्छता सम्बंधित जानकारियों का काफी महत्व है क्योंकि मासिक के दौरान साफ-सफाई का अभाव अथवा किसी भी प्रकार की लापरवाही बालिकाओं/ महिलाओं के प्रजनन पथ को संक्रमित कर सकता है।

कार्यक्रम में छात्राओं को सामान्य मासिक धर्म चक्र, सुरक्षित मासिक धर्म और स्वच्छता के बारे में शिक्षित किया गया, इसके साथ ही मासिक धर्म में उपयोग में आने वाले विभिन्न नए उत्पादों के बारे में जागरूक भी किया गया। साथ ही संक्रमण के कारणों, संबंधित लक्षणों तथा उससे सम्बंधित सावधानियों के बारे में शिक्षित किया गया। परिचर्चा के दौरान सभी पाठ्यक्रमों के छात्र प्रतिनिधियों ने प्रश्न पूछे, सभी छात्राओं ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस आयोजन में सभी छात्राओं को कैल्शियम युक्त आहार के साथ-साथ अन्य पोषण युक्त आहार के महत्व के बारे में भी बताया गया। छात्राओं ने पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज पर भी अपने प्रश्न पूछे, जिसपर पैनल के विशषज्ञों ने विस्तार पूर्वक समझाया कि कैसे स्वयं को स्वस्थ और सेहतमंद रखते हुए इस बीमारी को दूर किया जा सकता है। पैनल के दौरान छात्र प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि पुरुषों को भी ऐसे अभियानों से अवगत कराया जाए। पैनल चर्चा में पैनलिस्ट प्रो. उमा सिंह (डीन अकादमिक), प्रो. अमिता पांडे- मुख्य वक्ता  (प्रसूति और स्त्री रोग विभाग), प्रो पुनीता मानिक (नोडल अधिकारी, महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ), डॉ रामेश्वरी सिंघल, (सह नोडल अधिकारी, महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ) सम्मिलित थे। कार्यक्रम में डॉ. निशामणि पांडे और डॉ. शुचि त्रिपाठी (कोर सदस्य, महिला सशक्तीकरण प्रकोष्ठ) ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिवांजलि रघुवंशी (एसोसिएट प्रोफेसर, पैथोलॉजी विभाग और महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ के कोर सदस्य) द्वारा किया गया था।

यह कार्यक्रम केजीएमयू में मनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह का एक हिस्सा था। महिला अधिकारिता प्रकोष्ठ का उद्देश्य महिलाओं को शिक्षित करना, महिलाओं का उत्थान के लिये सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करना, महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित करना है। जागरूकता अभियान में लगभग 400 छात्राओं ने भाग लिया और उन्हें 5 और लोगों को शिक्षित करने के लिए कहा गया है ताकि शिक्षा जन-जन तक पहुंच सके।

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