-राजस्थान सरकार के पेंशन बहाली के निर्णय का स्वागत, अन्य सरकारें भी बहाल करें पुरानी पेंशन

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लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महासचिव प्रेमचंद्र ने राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली का स्वागत करते हुए कहा है कि सरकार व्यापारिक संस्था नहीं होती है जो हर निर्णय घाटा-मुनाफा देखकर करे, पुरानी पेंशन का मसला कर्मचारियों के बुढ़ापे से जुड़ा है, ऐसे में रिटायर्ड होने वाले कर्मचारी के भविष्य को देखते हुए इस व्यवस्था को बहाल किया जाना ही उचित है। नेताद्वय ने आशा व्यक्त की है कि अन्य राज्य सरकारें एवं केंद्र सरकार स्वयं एनपीएस एक्ट को वापस लेकर पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करेगी। कर्मचारियों की इच्छा के विपरीत एनपीएस लागू करना केंद्र सरकार की भारी भूल थी।
नेताओं ने कहा है कि सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन ही जीविका का सहारा होती है। बच्चे बड़े होकर बाहर चले जाते हैं फिर पेंशनर के लिए पेंशन ही जीविका का सहारा होती है। यह व्यवस्था अंग्रेजी सरकार से चली आ रही थी। सरकार कोई व्यापारिक संस्था नहीं है जो घाटा मुनाफा देखे। इप्सेफ ने देश के समस्त लोकसभा सदस्य को पत्र भेजकर मांग की है कि पुरानी पेंशन बहाली में महत्वपूर्ण योगदान दें।
इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने लेबर एक्ट के तहत देय पेंशन में भी जीने लायक धनराशि पेंशन के रूप में निर्धारित करने की मांग की है। ऑटोनॉमस संस्थाओं के कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है।
इप्सेफ नेताओं ने प्रधानमंत्री को सलाह दी है कि चुनाव में भारी क्षति से पूर्व एनपीएस को समाप्त करके पुरानी पेंशन को लागू कर दें इससे कर्मचारियों एवं शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और विकास कार्यों में तेजी आएगी।

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