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एनएचएम संविदा कर्मियों ने कहा, ‘नोटा’ का विकल्‍प भी हमारे पास

-संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ का ऐलान, जो दल पहले अपने घोषणा पत्र में हमारी मांगों को करेगा शामिल हम उसके साथ हो लेंगे

-भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष को लिखा पत्र, पुराना वादा याद दिलाया, कहा मांगों को अब शामिल कर लें घोषणा पत्र में

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश संघ के अध्‍यक्ष डॉ अनिल कुमार ने कहा है कि जो भी राजनीतिक दल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किए जाने अथवा जॉब सिक्योरिटी एवं राज्य कर्मचारियों की तरह समान कार्य समान वेतन प्रदान किए जाने को अपने घोषणा पत्र में सबसे पहले स्थान देगा,  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी उसी दल के साथ हो लेंगे, और यदि किसी दल ने यह घोषणा नहीं की तो कर्मचारियों और उनके परिजनों के सामने नोटा का विकल्प मौजूद है।

संघ की संयोजक सुनैना अरोड़ा ने भी कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में विभिन्न योजनाओं में 1 लाख कर्मचारी एवं 5 लाख  आशा बहू है, एवं उन लाखों कर्मचारियों के शोषित परिवार हैं जिनके मतों का प्रयोग किसी भी सरकार को बनाने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका सिद्ध करता है।

संघ के प्रदेश के प्रमुख उपाध्यक्ष अम्मार जाफरी ने कहा है की पिछले चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने एनएचएम कर्मियों को एकत्र करके अधिकार दिलाओ रैली की थी उन्होंने लिखा है कि अधिकार दिलाओ रैली का प्रभाव इतना रहा कि पार्टी ने पूर्ण बहुमत से उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई उन्होंने कहा है कि लेकिन अफसोस अधिकार दिलाओ रैली के बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो घोषणा पत्र में एन एच एम कर्मियों की मांगों को शामिल नहीं किया   अध्यक्ष ने लिखा है कि बीते 5 वर्षों में भी भाजपा के सफल शासन काल के बाद भी एनएचएम कर्मियों में निराशा ही मिली। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा एक्स्ट्रा पी आई पी भेजे जाने के बावजूद वेतन विसंगति अब तक दूर नहीं की गई है।

संघ द्वारा इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भी एक पत्र लिखा गया है। संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि संपूर्ण उत्तर प्रदेश में लगभग 1 लाख कर्मचारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत कार्यरत हैं इनमें चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, कार्यालय लिपिक एवं चतुर्थ श्रेणी तथा विभिन्न श्रेणी के अन्य कर्मचारी शामिल हैं। पत्र में  कर्मचारियों के अपने समकक्ष नियमित श्रेणी के कार्मिकों से आधे से कम मानदेय में सेवाएं प्रदान किए जाने का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अल्प वेतन के कारण कर्मचारी अपने व अपने परिवार के भविष्य के लिए चिन्तित रहते हैं।

पत्र में कोरोना वायरस की गई सेवाओं का जिक्र करते हुए मांग की गई है कहा गया है कि इन संविदा कर्मचारियों ने अपने निर्धारित ड्यूटी से अधिक समय तक कार्य कर जनमानस को चिकित्सीय लाभ प्रदान कर प्रदेश में कोरोनावायरस  को बढ़ने नहीं दिया। पत्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से अनुरोध किया गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किए जाने अथवा जॉब सिक्योरिटी के साथ ही राज्य कर्मचारियों के समानांतर समान कार्य समान वेतन प्रदान किए जाने को अपने घोषणा पत्र में उचित स्थान देने की कृपा करें पत्र में यह भी स्मरण कराया गया है की प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा केंद्रीय मंत्री राजनाथ के साथ ही विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों मंत्रियों ने संविदा कर्मचारियों की आजीविका की विषम परिस्थितियों के दृष्टिगत इनके नियमितीकरण के लिए अपनी अनुशंसा पूर्व में ही प्रदान की थी।

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