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डॉ सूर्यकान्त को एम. एल. मित्तल ओरेशन अवॉर्ड

चिकित्सा एवं कोरोना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए मिला सम्मान

डॉ. सूर्य कान्त

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, कानपुर में एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इण्डिया, (यू.पी. चेप्टर) कानपुर के तत्वावधान से आयोजित संगोष्ठी में एम. एल. मित्तल ’’स्मृति व्‍याख्‍यान अलंकरण’’ (एम. एल. मित्तल ओरेशन एवार्ड) से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके द्वारा चिकित्सा शिक्षण, अध्यापन एवं शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने एवं कोरोना महामारी के दौरान समाज को जागरूक करने एवं समाजिक सेवा कार्यों के चलते प्रदान किया गया है। ज्ञात रहे कि अब तक डा0 सूर्यकान्त को ऐसे 10 प्रख्यात ओरेशन से सम्मानित किया जा चुका है।

ज्ञात रहे कि डा0 सूर्यकान्त ने इस महामारी काल में जनमानस को कोरोना जैसी घातक बीमारी से न्यूज चैनल, यूट्यूब, रेडियों एवं अखबार के द्वारा निरन्तर जागरूक कर रहे हैं साथ ही साथ अपने संस्थान में कोरोना पीड़ितों को भी उचित चिकित्सा व देखभाल की एवं डा0 सूर्यकान्त ने कोरोना से पीड़ित ग्रामीण लोगों के लिए एक सरल व सुगम चिकित्सा प्रोटोकाल तैयार किया एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से दवाएं बंटवाकर हजारों लोगों की जान बचाई एवं पिछले दो दशक से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियों के माध्यम से लोगो में एलर्जी, अस्थमा, टी.बी, कैंसर जैसी बीमारी से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे है।

इसके अलावा वे चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 17 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक 700 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जनरल्स में प्रकाशित हो चुके हैं साथ ही 2 अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है तथा लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 18 फैलोशिप्स, 10 ओरेशन एवार्ड भी उनके नाम है। ज्ञात रहे उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 144 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

डा0 सूर्यकान्त कोविड टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के ब्रांड एंबेसडर हैं। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की तीन प्रमुख राष्ट्रीय संस्थाओं -इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन काॅलेज आॅफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलाॅजी एवं नेशनल कालेज आॅफ चेस्ट फिजिशियन (एन0सी0सी0पी0) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वे वर्तमान में आई0एम0ए0 एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेेशलिटीज के राष्ट्रीय वायस चेयरमेन हैं एवं आई0एम0ए0 लखनऊ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। डा0 सूर्यकान्त को वाराणसी में डी.आर.डी.ओ. द्वारा स्थापित पंडित राजन मिश्रा कोविड, हाॅस्पिटल में कोविड मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु संसाधनों/चिकित्सकीय सुविधाओं का आकलन करने एवं उसमें सुधार हेतु एक सदस्यीय टीम में डा0 सूर्यकान्त को चुना गया था। इसके पूर्व भी उ0प्र0 शासन द्वारा उनको कोविड से प्रभावित जनपदों जैसे- आगरा, कानपुर, मेरठ की समीक्षा एवं सुधार के लिये भेजा गया था।

डा0 सूर्यकान्त को पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज आॅफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 18 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें उ0प्र0 सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उ0प्र0 का सर्वोच्च पुरस्कार) और राज्य हिन्दी संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय स्तरीय हिन्दी सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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