जीवन जीने की कला सिखाती कहानी – 49
प्रेरणादायक प्रसंग/कहानियों का इतिहास बहुत पुराना है, अच्छे विचारों को जेहन में गहरे से उतारने की कला के रूप में इन कहानियों की बड़ी भूमिका है। बचपन में दादा-दादी व अन्य बुजुर्ग बच्चों को कहानी-कहानी में ही जीवन जीने का ऐसा सलीका बता देते थे, जो बड़े होने पर भी आपको प्रेरणा देता रहता है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ भूपेन्द्र सिंह के माध्यम से ‘सेहत टाइम्स’ अपने पाठकों तक मानसिक स्वास्थ्य में सहायक ऐसे प्रसंग/कहानियां पहुंचाने का प्रयास कर रहा है…
प्रस्तुत है 49वीं कहानी – सफलता का रहस्य
एक बार एक नौजवान लड़के ने बुजुर्ग से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है ?
बुजुर्ग ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो। वो मिले, फिर बुजुर्ग ने नौजवान से उसके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुंच गया, तभी अचानक बुजुर्ग ने उस लड़के का सिर पकड़ के पानी में डुबो दिया।
लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा, लेकिन बुजुर्ग ताकतवर था और उसे तब तक डुबोये रखा जब तक कि वो नीला नहीं पड़ने लगा, फिर बुजुर्ग ने उसका सिर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हांफते-हांफते तेजी से सांस लेना।
बुजुर्ग ने पूछा ,” जब तुम वहां थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”
लड़के ने उत्तर दिया, ”सांस लेना”
बुजुर्ग ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है, जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके अलावा और कोई रहस्य नहीं है।
दोस्तों, जब आप सिर्फ और सिर्फ एक चीज चाहते हैं तो वो चीज आपको मिल जाती है।
जैसे छोटे बच्चों को देख लीजिये वे न भूतकाल में जीते हैं, न भविष्य में, वे हमेशा वर्तमान में जीते हैं…और जब उन्हें खेलने के लिए कोई खिलौना चाहिए होता है या खाने के लिए कोई टॉफ़ी चाहिए होती है…तो उनका पूरा ध्यान, उनकी पूरी शक्ति बस उसी एक चीज को पाने में लग जाती है ओर वे उस चीज को पा लेते हैं।
इसलिए सफलता पाने के लिए एकाग्रता बहुत ज़रूरी है, सफलता को पाने की जो चाहत है उसमे ईमानदारी होना बहुत ज़रूरी है..और जब आप वो एकाग्रता और वो ईमानदारी पा लेते हैं तो सफलता आपको मिल ही जाती है।