ट्रॉमा सेंटर में काम रेडिएशन वाली एक्सरे मशीन भी लगी
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू में ब्रेन स्ट्रोक्स के मरीजों के मस्तिष्क में जमे थक्के आसानी से निकालने के लिए मशीन लगायी गयी है। इस मशीन से कैंसर का ट्रीटमेंट भी कम खर्चीला और कम समय में हो सकेगा।
रेडियोडायग्नोसिस विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. नीरा कोहली ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि शताब्दी फेज हॉस्पिटल में रेडियोडायग्नोसिस विभाग में फ्लैट पैनल सी आर्म मशीन विद रियल टाइम डीएसए की स्थापना की गयी है इसमें इंटरवेशनल प्रॉसीजर्स आरम्भ हो चुके हैं। इस मशीन से मरीज के मस्तिष्क मेें जमे रक्त के थक्कों को आसानी से निकालकर स्ट्रोक्स को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया है कि इसके अतिरिक्त थ्रोबोइम्बोलिजम बीमारी से पीडि़त एवं ट्यूमर की ब्लड धमनी को बंद करने में भी यह मशीन उपयोगी है। उन्होंने बताया है कि इस मशीन से कैंसर का इलाज करने पर जहां खर्च कम आता है वहीं उपचार में समय भी कम लगता है।
प्रो. नीरा कोहली ने बताया है कि इसके अतिरिक्त ट्रॉमा सेन्टर में डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन सोमवार से चालू कर दी गयी है। इस मशीन की खासियत यह है कि जहां इससे किये हुए एक्सरे के परिणाम अच्छे आयेंगे वहीं इससे मरीज और टेक्नीशियन दोनों को रेडियेशन भी कम मात्रा में लगेगा। उन्होंने बताया है कि इस 800 एमए की मशीन को सैमसंग कम्पनी ने सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी के तहत मरीजों, प्रशिक्षण एवं शोध के लिए प्रदान की है।