बच्चों को गोद देने में विधिक प्रक्रिया का सख्ती से अनुपालन हो
– प्रो. रीता बहुगुणा जोशी
सभी इकाइयां बच्चा गोद देने सम्बन्धी कार्यवाही शीर्ष प्राथमिकता से करें
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण, मातृ -शिशु कल्याण, पर्यटन मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने उत्तर प्रदेश की दत्तक ग्रहण इकाइयों को आदेश दिया है कि वे बच्चा गोद देते समय विधिक प्रक्रिया का सख्ती से अनुपालन करें। उन्होंने कहा कि बच्चा प्राप्त होते ही गोद देने सम्बन्धी नियमों के तहत आवश्यक कार्यवाही शीर्ष प्राथमिकता से प्रारम्भ हो जानी चाहिए, जिससे कम से कम समय में बच्चे को इच्छुक दम्पति को गोद देकर पारिवारिक वातावरण में भेजा जा सके। उन्होंने कहा इस प्रक्रिया से जुड़ी सभी इकाइयां अपना कार्य अविलम्ब करें। यह समाज सेवा का ऐसा कार्य है जिसमें एक अबोध जीवन का सम्पूर्ण भविष्य जुड़ा है। एक बच्चे को परिवार से जोडऩा सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी ही नहीं है यह एक बहुत बड़ा सामाजिक दायित्व भी है। प्रदेश सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए भी उतनी ही प्रतिबद्ध है जितनी महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रो. जोशी मंगलवार को योजना भवन में प्रदेश की दत्तक ग्रहण इकाइयों के कार्यों की समीक्षा बैठक कर रही थी। बैठक में जनपदवार दत्तक ग्रहण इकाइयों पर वर्तमान में बच्चों की संख्या, इकाई द्वारा गोद देने के लिए की गई कार्यवाही तथा इकाई पर आवासित बच्चों को चिकित्सीय सुविधा की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान मंत्री ने निर्देश दिया कि जिला प्रोवेशन अधिकारी (डीपीओ) जनपद में यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अपंजीकृत इकाई बच्चा गोद देने का कार्य न करें। उन्होंने आदेश दिया कि बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के नामित अधिकारी/सदस्य रोटेशन में बालगृहों में बैठें तथा जनपद के प्रसव हेतु संचालित नर्सिंग होम/चिकित्सालयों में भी भ्रमणशील रहकर शिशुओं की अवैध रूप से गोद दिये जाने की प्रक्रिया को रोकें। बैठक में वाराणसी की दत्तक ग्रहण इकाई के विरुद्ध बड़ी संख्या में प्राप्त शिकायतों के दृष्टिगत सभी सहायता रोककर जांच कराये जाने के आदेश दिए गए।
प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार ने कहा कि भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जनपदों में दत्तक ग्रहण इकाइयों का निरीक्षण किया जायेगा तथा गलत अंकन पाये जाने पर संचालक के विरुद्ध एफआईआर करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि जिन एनजीओ पर सीबीआई जांच चल रही है उन्हें सरकार द्वारा वित्तीय सहायता का फण्ड रिलीज नहीं किया जायेगा साथ ही उनकी इकाई के बच्चे दूसरी इकाइयों में तत्काल स्थानान्तरित कर दिये जायें। उन्होंने अवगत कराया कि इकाइयों के बच्चों को एक जिले से दूसरे जिले में भेजते समय बाल कल्याण समिति की अनुमति आवश्यक है, अन्यथा की स्थिति में इसे अपराध माना जायेगा। बढ़ते (ग्रोइंग) बच्चों की हर छह माह में फोटो होना आवश्यक है। उन्होंने आदेश दिया कि बच्चों का चिकित्सीय परीक्षण एमबीबीएस डॉक्टर से ही कराया जाए।
बैठक में ‘कारा’ (केन्द्रीय दत्तक ग्रहण इकाई) के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफीसर दीपक कुमार ने अवगत कराया कि बच्चा प्राप्त होते ही 72 घंटे के भीतर उसका विवरण सम्बन्धित दत्तक ग्रहण इकाई द्वारा कारा की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना आवश्यक है। उन्होंने अवगत कराया कि दत्तक ग्रहण इकाइयों तथा बच्चा गोद देने की प्रक्रिया के संदर्भ में वेबसाइट पर समस्त नियम निर्देश हिन्दी एवं अंग्रेजी में उपलब्ध हैं। इकाइयां इसका अध्ययन अवश्य करें तथा गोद देने की प्रक्रिया का विधिसम्मत अनुपालन सुनिश्चित करें।
बैठक में प्रदेश के समस्त जनपदों से आयी दत्तक ग्रहण इकाइयों, डीपीओ, बाल कल्याण समिति के अध्यक्षों, डिप्टी सीपीओ ने प्रतिभाग किया। ‘कारा’ की कन्सल्टेंट नवनीत कौर ने बैठक में उत्तर प्रदेश की दत्तक ग्रहण इकाइयों द्वारा ‘कारा’ की साइट पर अपलोड जनपदवार बच्चों की संख्या से अवगत कराया।