-आंदोलन के तहत राज्य कर्मचारियो का काला फीता कार्यक्रम चौथे दिन भी जारी रहा

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। राज्य कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर किया जा रहा आंदोलन आज चौथे दिन भी जारी रहा, प्रदेश के सभी जनपदों में कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर कार्य किया, जगह-जगह नारेबाजी की और अपना विरोध व्यक्त किया। वहीं आज कर्मचारियों ने बजट से कर्मचारियों के कल्याण की आस टूटने पर चिंता व्यक्त की।
परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने अपने बयान में कहा कि कर्मचारियों के हितों के लिए सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं किया, इसलिए उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आज के बजट को कर्मचारियों के लिए शून्य बताते हुए कहा कि इस बजट के बाद कर्मचारियों में आक्रोश और बढ़ गया है। कर्मचारी नियमित नियुक्तियों की राह देख रहा था, वहीं संविदा और आउटसोर्सिंग के लिए कुछ न कुछ कर्मचारी कल्याण की बात कही जानी चाहिए थी, लेकिन पूरे बजट भाषण में कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं कहा गया जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो रहा है। सुनील यादव का कहना है कि कर्मचारियों के हितों के लिए सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं किया, इसलिए यह बजट कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है ।

उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धाओं को भी उम्मीद थी कि सरकार कुछ प्रोत्साहित कर सकती है, फ्रीज महंगाई भत्ता और अन्य कटे भत्तों की वापसी के लिए कर्मचारी इस बजट से आस लगाए था, लेकिन निराशा हुई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 12 मंडलो में ड्रग एंड फ़ूड टेस्टिंग लेब्रोटरी खोलना स्वागत योग्य है।

परिषद के नेताओं का कहना है कि कर्मचारी 27 फरवरी तक लगातार अपना आंदोलन के तहत काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। परिषद के संघ प्रमुख के के सचान, प्रवक्ता अशोक कुमार ने बताया कि कल अवकाश के दिन भी मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में कर्मचारियों ने कार्य किया लेकिन विरोध प्रदर्शन भी जारी रखा। वहीं आज विभिन्न कार्यालयों में गेटों पर आकर प्रदर्शन किया गया। आंदोलन में राज्य कर्मचारियों के साथ संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी जुड़े हुए हैं। वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के रोडवेज कर्मी भी काला फीता बांधकर कार्य कर रहे हैं।

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