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ग्रामीण क्षेत्रों के बच्‍चों के लिए प्रेरणास्रोत हैं एमडी गोल्‍ड मेडलिस्‍ट डॉ नीरज वर्मा

-डॉ नीरज के विचारों में झलकती है ग्रामीण क्षेत्रों में सच्‍ची सेवा करने की भावना

-प्रांतीय चिकित्‍सा सेवाओं के तहत गौरीगंज में कोविड हॉस्पिटल की आईसीयू में हैं तैनात

डॉ नीरज वर्मा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद प्रांतीय चिकित्‍सा सेवाओं में चयन होने के बाद यहीं से एमडी मेडिसिन कर टॉपर की लिस्‍ट में नाम लिखाने वाले को कल 21 दिसम्‍बर को दीक्षांत समारोह में गोल्‍ड मेडल और डिग्री मिलने वाली है।  

खास बात है डॉ नीरज की सादगी और जमीन से जुड़ा होना, मेडिसिन जैसी टफ ब्रांच में टॉपर होने के बाद भी उनके पैर जमीन पर उंगलियों के बल पर नहीं बल्कि एड़ी सहित लगे हैं। उनकी बातों, उनके विचारों से जो अहसास होता है, उसे समझने के लिए टॉपर बनने के बाद इस पर व्‍यक्‍त की उनकी टिप्‍पणी को यहां ज्‍यों का त्‍यों प्रस्‍तुत किया जा रहा है…

डॉ नीरज के शब्‍दों में उनके विचार

मुझे मेडिसिन विभाग की तरफ से एमडी की पढ़ाई में एक्सीलेंट परफॉर्मेंस के लिए सूरत कुमार लाल गोल्ड मेडल दिया जा रहा है। मेरे लिए यह बहुत गर्व की बात है की पीएचएमएस कैंडिडेट होते हुए भी मुझे यह गोल्ड मेडल दिया जा रहा है। मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों को देना चाहता हूं जिन्होंने हमें आर्ट ऑफ मेडिसिन सिखायी। मैं एमडी करने के बाद, जिला अस्पताल अमेठी गौरीगंज में L-2 कोविड हॉस्पिटल, गौरीगंज का आईसीयू देख रहा हूं। जैसा कि मैं ग्रामीण परिवेश से आता हूं मेरे पिताजी एक किसान हैं और माताजी एक गृहि‍णी हैं तो मैं भविष्य में आगे चलकर के ऐसे ही ग्रामीण सुदूर क्षेत्रों में अपनी सेवाएं सरकार के साथ मिलकर के देता रहूंगा। मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय से प्राप्त किया था, उसके बाद मैंने अपनी कुछ स्कूल की शिक्षा लखनऊ से भी प्राप्त की। हमने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से की, तत्पश्चात 2 वर्षों तक मैंने ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं।

यह परमपिता परमेश्वर का ही आशीर्वाद है जिससे एक किसान का बेटा नीम के पेड़ के नीचे अपने अध्ययन की शुरुआत करते हुए इस समय देश के टॉप मेडिकल कॉलेज से आज एमडी करके गोल्ड मेडल प्राप्त कर सका है, मैं भविष्य में भी ऐसे ही निरंतर मेहनत औरअपने प्रयासों से ग्रामीण एवं सुदूर दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने के लिए संकल्पित रहूंगा।

मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के लोगों को भी देना चाहता हूं जिसमें मेरे बड़े पापा हैं जिन्होंने हमें हमेशा मोटिवेट किया और मैं अपने सभी भाइयों को को देना चाहता हूं और हमारी निरंतर प्रेरणा का स्रोत बने हमारे बड़े भाई साहब सचिन पटेल भैया जो इस समय एसएसपी एटीएस लखनऊ हैं। और आखि‍री में मैं अपनी धर्मपत्नी नीता (District Commandant Home Gaurd, Bagpat) और जो दोस्त भी है विगत 10 वर्षों से दोस्त और 1 वर्ष से धर्मपत्नी होते हुए, मुझे निरंतर प्रोत्साहित किया और मेरा साथ देती रहीं, मुझे इस मुकाम तक पहुंचाने में बहुत बड़ा योगदान उनका है।

आप सभी के आशीर्वाद से मैं निरंतर राष्ट्रसेवा एवं मानव जीवन की विभिन्न बीमारियों से उत्पन्न कष्टों को दूर करने की कोशिश करता रहूंगा।