-विधि-विधान से पाठ करने पर मां दुर्गा होती हैं शीघ्र प्रसन्न : ऊषा त्रिपाठी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। दुर्गा सप्तशती में वर्णन है कि महामारी लाने वाली और महामारी समाप्त करने वाली दुर्गा मां ही हैं, ऐसे में इस नवरात्रि दुर्गा सप्तशती का पाठ महामारी को समाप्त करने वाला होगा। सरकार द्वारा बताये गये नियम हाथ धोना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग रखना के साथ ही ज्यादा से ज्यादा भक्तगण इस पाठ को करें तो धीरे-धीरे कोरोना महामारी समाप्त हो जायेगी। अधिमास के बाद शारदीय नवरात्रि कल 17 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रही हैं। इस नवरात्रि में किसी भी तिथि की घट-बढ़ नहीं है, इसलिए यह नवरात्रि पूरे नौ दिन की होगी। प्रथम दिवस 17 अक्टूबर को तथा नवमी 25 अक्टूबर को होगी।
यह कहना है योगिक मानसिक चिकित्सा सेवा समिति की संचालिका, समाज सेविका व प्राणिक हीलर ऊषा त्रिपाठी का। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की साधना विशेष रूप से फलदायी होती है। इस दौरान मां दुर्गा की साधना मनुष्य को विशेष फल देती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि में करना विशेष लाभकारी होता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ पूरे विधि-विधान से पूरी नवरात्रि भर किया जाये तो दुर्गा मां अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
ऊषा त्रिपाठी ने कहा कि 13 पाठों वाली श्री दुर्गा सप्तशती नारायणावतार श्री व्यासजी द्वारा रचित महापुराणों में मार्कण्डेयपुराण से ली गई है। इस ग्रंथ में सात सौ पद्यों का समावेश होने के कारण इसे सप्तशती कहा गया है। दुर्गा सप्तशती में 360 शक्तियों का वर्णन है। इसके 700 श्लोकों में तीन भागों में विभाजित किया गया है जिसमें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की महिमा का वर्णन किया गया है।