-टीबी उन्मूलन तक बच्चों के पोषण और देखभाल के लिए बने अभिभावक
-मुख्य अतिथि यूपी टीबी टास्क फोस के अध्यक्ष डॉ सूर्यकांत ने दी निक्षय पोषण योजना की जानकारी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा की गई पहल पर तपेदिक से पीड़ित छोटे बच्चों को गोद लेने के लिए संजय गांधी पीजीआई ने उनके पोषण की देखभाल के साथ-साथ उनके उपचार की देखरेख के उद्देश्य से आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में टीबी ग्रस्त छह बच्चों की देखभाल करने के लिए उनके अभिभावक के रूप में संजय गांधी पीजीआई से जुड़े छह लोग सामने आये। इनमें पांच चिकित्सक और एक कार्यालय अधीक्षक शामिल हैं।
यह कार्यक्रम संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी की एडीशनल प्रोफेसर डॉ ऋचा मिश्रा, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आलोक नाथ और फिजिशियन व नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम इकाई, एसजीपीजीआई डॉ प्रेरणा कपूर ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। समारोह के मुख्य अतिथि डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी एचओडी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, केजीएमयू व अध्यक्ष, यूपी राज्य टास्क फोर्स ने टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई निक्षय पोषण योजना के लाभ पर प्रकाश डाला। इस योजना में 500 प्रति माह प्रत्येक अधिसूचित तपेदिक रोगी को उस अवधि के लिए दिया जाता है, जिसके लिए रोगी टीबी के उपचार पर है। यह योजना प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत पंजीकृत है।
संजय गांधी पीजीआई के निदेशक डॉ आर.के. धीमन ने उन लोगों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया, जो उचित उपचार और पोषण निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अभिभावक बनने के लिए आगे आए ताकि बच्चे पूरी तरह से ठीक हो सकें और एक स्वस्थ जीवन जी सकें। उन्होंने राष्ट्रीय टीबी दवा कार्यक्रम के अनुसार 2025 तक भारत से तपेदिक के पूरी तरह से उन्मूलन के लक्ष्य की दिशा में लगातार और सख्ती से काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
आज जिन बच्चों को अपनाया गया है उनमें ख़ुशी सिंह, स्नेहा सिंह, ज़ोब्या सिद्दीकी, पलक विश्वकर्मा, साक्षी मौर्य और मोहम्मद साबिर शामिल हैं। इन बच्चों के अभिभावक बनने के लिए जो लोग आगे आए हैं उनमें एचओडी, प्रतिरक्षा विभाग डॉ अमिता अग्रवाल, सेवानिवृत्त प्रोफेसर मेडिकल जेनेटिक्स डॉ अरुणा पराशर, प्रोफेसर, क्रिटिकल केयर मेडिसिन डॉ अफजल अजीम, प्रोफेसर, न्यूक्लियर मेडिसिन डॉ अमिताभ आर्य की पत्नी डॉ भावना चौहान आर्य, प्रोफेसर माइक्रोबायोलॉजी विभाग डॉ ऋचा मिश्रा, कार्यालय अधीक्षक, निदेशक कार्यालय संजय जैन शामिल हैं। यह कार्यक्रम इन बच्चों में से प्रत्येक को दूध, जूस, हॉर्लिक्स और फलों से युक्त हैम्पर्स के वितरण के साथ समाप्त हुआ।