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सत्‍यापन के नाम पर किया जा रहा शिक्षकों का शोषण बर्दाश्‍त नहीं

-माध्‍यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट ने सीएम व शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से शिक्षकों के सत्यापन के नाम पर हो रहे शोषण को बंद करने की मांग की है।

संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्‍ता डॉ महेंद्र नाथ राय ने इस सम्‍बन्‍ध में आज पत्र लिखकर कहा है कि संगठन को कई जनपदों से यह शिकायत मिल रही है कि शिक्षकों के मूल शैक्षिक अभिलेखों को भी जमा करने का आदेश जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दिया जा रहा है जबकि कई जिलों में केवल छायाप्रतियां ही जमा करायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मूल अभिलेखों को जमा कराने का क्या औचित्य है? शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख यदि गायब हो जाते हैं तो उसके लिए कौन दोषी होगा?

शिक्षक फिर अपना दोबारा मूल अभिलेख निकलवाने के लिए विश्वविद्यालयों और बोर्ड ऑफिसों का चक्कर लगाए यह कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। जांच के नाम पर शिक्षकों को परेशान न किया जाय। शिक्षकों के मूल अभिलेखों के प्रमाणित प्रतियों को ही विश्वविद्यालयों और बोर्डों में भेजकर सत्यापन करवाया जायेगा फिर मूल अभिलेख जमा करने का कोई औचित्य नहीं है। सत्यापन के नाम पर अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के उत्पीड़न का प्रयास किया जा रहा है जिसे संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा।

डॉ महेंद्र नाथ राय ने कहा कि संगठन मांग करता है कि शिक्षकों के  मूल शैक्षिक अभिलेखों की स्वप्रमाणित छायाप्रतियों को विद्यालय से मंगा कर के संबंधित बोर्डों और विश्वविद्यालयों को भेजकर सत्यापन सरकार करवा ले उसमें शिक्षक सहयोग करेगा लेकिन यदि जांच के नाम पर उत्पीड़न करने का प्रयास किया जाएगा तो संगठन उसके खिलाफ आंदोलन छेड़ने में भी देर नहीं करेगा। बार-बार जांच के नाम पर शिक्षकों का मानसिक सामाजिक एवं आर्थिक उत्पीड़न बंद होना चाहिए एक ही बार उनके शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन सरकार करवा ले और इसके बाद यदि कुछ निकलता है तो सत्यापित करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही किया जाए।