Wednesday , May 8 2024

थूकने वाले बढ़ा रहे कोरोना, प्रतिबंध के बावजूद केजीएमयू के पास भी गुटखा बिक रहा है धड़ल्‍ले से

-कोरोना काल में इस तरह की हरकत और बढ़ा रही है सभी की परेशानी

-सरकार से लेकर आम आदमी तक के किये जा रहे प्रयास हो रहे बेकार

सांकेतिक फोटो

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। एक तरफ जहां कोरोना कहर बरपा रहा है, दूसरी ओर इसे बढ़ावा देने से बचाने के लिए दिये गये निर्देशों का पालन नहीं हो पा रहा है। जब खांसने-छींकने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स से कोरोना का खतरा बताया जा रहा है, और इससे बचने के लिए मास्‍क सहित पूरे तामझाम करने पड़ रहे हैं, ऐसे में पान, पान मसाला, गुटखा की पीक इस परेशानी को कितना बढ़ायेगी, यह समझना मुश्किल नहीं है।

कोई भी नियम बनाने भर से कर्तव्‍यों की इतिश्री नहीं हो जाती है, जब‍ तक कि उसका पालन न किया जाये, कुछ ऐसा ही हाल जगह-जगह थूकने वालों का है, इस थुकियल आदत को बढ़ाता है पान, पान मसाला, गुटखा। हालात ये हैं कि अस्‍पतालों तक में गुटखा, पान मसाला खाने वालों को रोक पाना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है।

बात अगर किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) की करें तो यहां बने कोरोना वार्ड तक में गुटखा आदि खाकर थूकने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं। यहां के कोरोना वारियर्स एक तरफ जहां मरीजों को ठीक करने की जुगत में लगे हुए हैं वहीं दूसरी ओर गुटखा, तम्‍बाकू खाने वाले लोग कोरोना वार्ड तक को नहीं छोड़ रहे हैं, यहां ड्यूटी करने वाले सफाई कर्मियों तक को बहुत दिक्‍कत आ रही है, उन्‍हें दूसरे कारणों से तो संक्रमण से बचने का ध्‍यान रखना ही पड़ता है वहीं दूसरी ओर इस तरह की गंदगी से भी रोज दो-चार होना पड़ता है।

आपको बता दें कि इसकी एक बड़ी वजह केजीएमयू के इर्द-गिर्द बिकने वाला गुटखा और इसके जैसी चीजें हैं। आपको बता दें कि स्‍कूल हो या अस्‍पताल, इनके आसपास इस तरह की तम्‍बाकू पदार्थ नहीं बिक सकते हैं। अस्‍पताल की बात करें तो इसके 200 मीटर की परिधि में इस तरह के पदार्थ नहीं बिक सकते हैं। स्टेट कंसल्टेंट वोलेंट्री हेल्थ एसोशिएशन ऑफ इंडिया के उत्तर प्रदेश चैप्टर के हेड विक्रम मिश्र बताते हैं कि इस बारे में हम लोग लम्‍बे समय से प्रयासरत हैं, और पिछले साल मई 2019 में केजीएमयू को तत्‍कालीन कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने तम्‍बाकू निषेध क्षेत्र घोषित किया था। उन्‍होंने कहा कि स्‍कूल-अस्‍पताल के आसपास इसे बेचना अपराध है। इस कोविड काल में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इस पर तुरंत ही कार्यवाही की जरूरत है।