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खेलों के दौरान होने वाली दुर्घटना के शिकार व्‍यक्ति का कैसे हो पुनर्वास

-ऑर्थोटिक-प्रोस्थेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का यू पी चैप्टर आयोजित कर रहा दो दिवसीय सीआरई

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। ऑर्थोटिक-प्रोस्थेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के यू पी चैप्टर के तत्‍वावधान में 29 फरवरी से 1 मार्च तक 2 दिवसीय सतत पुनर्वास शिक्षा (सीआरई) जिसका विषय ऑर्थोटिक मैनेजमेंट इन स्पोर्ट्स रिलेटेड इंज्यूरी है उसका आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ पीएमआर लिम्ब सेंटर केजीएमयू में किया जा रहा है।

यह जानकारी देते हुए आयोजन सचिव अरविन्‍द निगम ने बताया कि ऑर्थोटिक प्रोस्थेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के यू पी चैप्टर को भारतीय  पुनर्वास परिषद ने मान्यता एवं स्वीकृत प्रदान की है। उन्‍होंने बताया कि इस सीआरई में खेलों के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं से पीडि़त मरीजों के पुनर्वास के लिए क्‍या-क्‍या किया जाना चाहिये, इस पर पूरे देश से आये हुए विशेषज्ञों द्वारा महत्‍वपूर्ण जानकारियां दी जायेंगी। उन्‍होंने बताया कि इस सी आर ई के प्रथम दिन 10 बजे उद्घाटन सत्र होगा। उन्‍होंने बताया कि इस सीआरई के आयोजन में प्रो जी के सिंह, आर सी आई के पर्यवेक्षक अखिलेन्द्र कुमार, डीपीएमआर के विभागाध्यक्ष प्रो अनिल गुप्ता, यू पी चैप्टर के अध्यक्ष गिरीश गुप्ता, सचिव अरविंद कुमार निगम, ओपाई इंडिया के सेंट्रल ई सी मेंबर अजित सिंह आदि का विशेष योगदान है।

उन्‍होंने बताया कि सत्र के प्रथम दिन विषय के विभिन्न पहलुओं पर केजीएमयू के प्रोफेसर डॉक्टर जी के सिंह सर् प्रोफेसरडॉक्टर आर एन श्रीवास्तव प्रोफेसर डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव  डॉक्टर अनिल गुप्ता जी डॉक्टर सुधीर मिश्रा जी  और डॉक्टर विवेक सिंह के व्याख्यान होंगे। दूसरे दिन प्रोस्थेटिक-ऑर्थोटिक विशेषज्ञ शगुन सिंह, नेहा सिंह, कुलदीप सिंह, बीरेन्द्र प्रसाद, ऋषभ गुप्ता, अचिन्त्य प्रकाश एवं संत गौतम अपने  व्याख्यान प्रस्‍तुत करेंगे।

कार्यक्रम के अंतिम दिन सायंकाल पुरस्‍कार और प्रमाण पत्र वितरण होगा। इस सतत पुनर्वास शिक्षा के कार्यक्रम में प्रदेश एवं भारत के 50 विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।