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शिक्षा की ललक हो तो कोई चुनौती बाधा नहीं बन सकती, एकलव्‍य महान शिक्षार्थी

-महर्षि विवि में पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का समापन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। शिक्षा विकास की आधारशिला है एवं व्यक्तित्व विकास का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। यदि व्यक्ति के अन्दर शिक्षा प्राप्त करने की ललक है तो कोई भी चुनौती बाधा नहीं बन सकती, जहाँ चाह है वहाँ राह है।

यह बात महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, लखनऊ में चल रहे पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के समापन समारोह में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्तविश्वविद्यालय, लखनऊ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ मनोरमा सिंह ने अपने व्याख्यान में कही। उन्‍होंने कहा कि एकलव्य एक महान शिक्षार्थी थे, जिन्‍होंने गुरु द्रोणाचार्य की सिर्फ मूर्ति रखकर ही शिक्षा ग्रहण की और महान धनुर्धर बन गये।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षकों को निरन्तर अपने ज्ञान का नवीनीकरण करते रहना चाहिए,जो विद्यार्थियों को नवीनतम और समसामयिक ज्ञान प्रदान करने के लिए वर्तमान शिक्षा प्रणाली में नितान्त आवश्यक है। विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो0(ग्रुप कैप्टन) ओ0 पी0 शर्मा ने कहा कि शिक्षक को एक शिक्षक की तरह लगना चाहिए, आचार, विचार एवं व्यवहार में शिक्षक के गुण प्रदर्शित होने चाहिए। समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि भीमसेन सिंह, सलाहकार महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, लखनऊ ने कहा कि उच्च शिक्षा में शोध के लिए सरकार को अपना बजट बढ़ाना चाहिए।

कार्यक्रम की संयोजक डॉ निकिता बसंत ने बताया कि इस कार्यक्रम में लगभग 100 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया पांच दिवसीय कार्यक्रम के रिसोर्स परसन के रूप में प्रो0 आर0 के0 खण्डाल, भूतपूर्व कुलपति उ0 प्र0 तकनीकि विश्वविद्यालय, लखनऊ, डॉ मनीष श्रीवास्तव‘‘हिंदवी‘‘, विद्यान्त हिन्दू पी0 जी0 कॉलेज, लखनऊ, डॉ पी0 के0 मिश्रा, केन्द्रीय विश्वविद्यालय,पंजाब, प्रो0 अल्पना श्रीवास्तव, एमिटी विश्वविद्यालय, लखनऊ, प्रो0 के0 के0 पंत, भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान, दिल्ली एवं प्रो0 संजय मेधावी, लखनऊ विश्वविद्यालय ने व्‍याख्‍यान दिया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अनूप कुमार श्रीवास्तव, राहुल भारद्वाज, कुलपति प्रो0 बी0 पी0 सिंह, कुलसचिव प्रो0 ए0 पी0 सिंह सहित प्रो0 एन0 के0 चतुर्वेदी, संजीव कुमार श्रीवास्तव, प्रो0 एच0 के0 द्विवेदी, प्रो0 अजय कुमार भारती, प्रो0 मधुलिका सिंह, सपन अस्थाना, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, प्रो0 सिंधुजा मिश्रा, सत्येन्द्र कुमार, प्रो0 वी0 के0 सिंह,  डॉ विजय कुमार, अंकित श्रीवास्तव, आशीष कुमार श्रीवास्तव, हिमानी कुलश्रेष्ठ, डॉ कंचन अवस्थी, नवीन कुमार राय, डॉ सुप्रिया अवस्थी, डॉ संध्या सिन्‍हा, डॉ रुचि श्रीवास्तव, डॉ संतोष कुमार, रश्मि राकेश, दशरथ कुमार सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं शोध छात्र उपस्थित थे।