लखनऊ। नाइजीरिया के दो वैज्ञानिक गर्भवती महिलाओं में लेड का प्रभाव जानने के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय केजीएमयू में शोध करेंगे और प्रशिक्षण लेंगे। इनमें से एक ने आज 20 मई को कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट से मुलाकात की जबकि दूसरे वैज्ञानिक एक जुलाई को आयेंगे।
गर्भवती महिलाओं में लेड के प्रभाव पर करेंगे शोध
चिकित्सा संकाय की मीडिया सेल के फैकल्टी इंचार्ज प्रो. नरसिंह वर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नाइजीरिया के ओयो स्टेट के इबादन विश्वविद्यालय के डॉ चुकव्यूमेली जेडेक उशे और डॉ एजेजियोफॉर एन्थोनेट ने केजीएमयू में शोध और प्रशिक्षण के लिए सम्पर्क स्थापित किया है। डॉ उषे यहां गर्भवती महिलाओं में पडऩे वाले लेड के प्रभाव पर शोध करेंगे। वह भारी धातु जैसे सीसा, कैडमियम, मर्करी के आकलन का तरीका और जस्ता, सेलेनियम जैसे आवश्यक तत्वों के विश्लेषण के अलावा विटामिन ए, सी, डी और ई का आकलन किया जायेगा। उन्हेें लेड एनालाइजर, इंडक्टिव युग्मित प्लाज्मा स्पेक्ट्रोस्कोपी के बारे में प्रशिक्षित किया जायेगा। ये सारी विशिष्टताएं बायोकेमिस्ट्री विभाग में उपलब्ध हैं। ज्ञात हो केजीएमयू का बायोकेमिस्ट्री विभाग लेड विषाक्तता के लिए राष्ट्रीय रेफरल सेंटर है।
कुलपति ने दिया पूर्ण सहयोग का आश्वासन
प्रो. वर्मा ने बताया कि कुलपति ने डॉ उशे से मुलाकात के दौरान उनका स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें हर सम्भव सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने डॉ. उशे को संस्थान की विशिष्टताओं से अवगत कराया। इस मौके पर कुलपति ने बायो केमिस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अब्बास अली मेंहदी द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहकार्यता के लिए उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर शोध अनुभाग के संकाय प्रभारी प्रो.आरके गर्ग भी उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि लेड की विषाक्तता के आकलन के लिए आने वाले दूसरे वैज्ञानिक डॉ एजेजियोफॉर एन्थोनेट को द वल्र्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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