परिजन बोले : बीस हजार रुपये नहीं दिये इसीलिए की इलाज में लापरवाही
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीन मर्री हॉस्पिटल में में बुधवार दोपहर मृतका के परिवारीजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुये हंगामा किया, परिवारीजनों का आरोप था कि रात को भर्ती करने के बाद 20 हजार रुपये मांगे थे, नहीं देने पर इलाज में लापरवाही बरती गई। यही नहीं मरीज को भर्ती करने के बाद उससे मिलने भी नहीं दिया गया। सीधे सुबह यह बताया कि मौत हो गयी।
डॉक्टरों व परिवारीजनों की मारपीट में डॉक्टर पडे़ भारी
आरोप-प्रत्यारोप में ही जूनियर डॉक्टरों और परिवारीजनों में झड़प के साथ ही मारपीट शुरू हो गई। मारपीट में डॉक्टर भारी पडऩे लगे तो परिवारीजनों ने 100 नम्बर पर डायल करके पुलिस को बुलाया इसके बाद ही हंगामा शांत हो सका। परिवारीजनों का कहना है कि मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री ही नहीं मुख्यमंत्री से भी जायेगी।
लखीमपुर खीरी में दिया था बच्चे को जन्म
लखीमपुर खीरी निवासी राम प्रकाश की पत्नी किरन देवी ने मंगलवार दिन में 1.30 बजे लखीमपुर खीरी के अस्पताल में सीजेरियन डिलीवरी से बच्चे को जन्म दिया था, मगर उसके बाद प्रसूता को हाई बीपी व ब्लीडिंग होने लगी, हालत मे सुधार न होते देख डॉक्टरों ने क्वीन मैरी को रेफर कर दिया। परिवारीजनों में सुनील ने बताया कि मंगलवार रात 3.30 बजे किरन को लेकर क्वीन मैरी आये तो यहां पर भर्ती करने में आना कानी करते रहे, 300 रुपये देने के बाद भर्ती किया गया। भर्ती करने के बाद मरीज को अंदर लेबर रूम में ले गये, परिवारीजनों को अंदर प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया। कुछ देर बाद इलाज के लिए 20 हजार रुपये की डिमांड आई, जिसे हम परिवारीजनों ने असमर्थता जता दी, हलांकि इसके बाद किरन को खून चढ़ाने के लिए दो यूनिट खून भी मंगाया गया। फिर भी सुबह तक मरीज से मिलने नहीं दिया गया किसी को, सुबह अचानक खबर बताई की किरन की मौत हो चुकी है। मौत की खबर सुनने के बाद हम परिवारीजनों ने कारण जानना चाहा तो जूनियर डॉक्टर अभद्रता करने लगे, इतना ही नही उन्हेांने हम लोगों की पिटाई शुरू कर दी। हम लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री, सीएमओ व स्वास्थ्य महानिदेशक को फोन किया तो सहायता करने से इनकार क र दिया। इसके बाद मारपीट से बचाव के लिए 100 नम्बर पुलिस को बुलाया, उसके बाद हंगामा शांत हुआ।
उच्च स्तर तक करेंगे शिकायत
परिवारीजनों का कहना है कि मामले की शिकायत उच्च स्तर तक की जायेगी, ताकि लापरवाही पूर्वक इलाज करने वाले और मारपीट करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और सामान्य मरीजों का उत्पीडऩ व आर्थिक शोषण बंद हो।
आरोप निराधार, फेल हो चुके थे गुर्दे : डॉ.उर्मिला
क्वीन मैरी की कार्यवाहक विभागाध्यक्ष प्रो.उर्मिला सिंह का कहना है मृतका अत्यंत गंभीर हालत में क्वीन मैरी आई थी, खून की कमी थी, पल्स रेट लो था, हाई बीपी की वजह से गुर्दो ने काम बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने अस्पताल में 5 घंटे बहुत कोशिश की मगर नहीं बच सकी। मौत के बाद परिवारीजन बॉडी लेने नहींआ रहे थे, अस्पताल के बाहर हंगामा कर रहे थे। परिवारीजनों के आरोपों की जांच के लिए बॉडी पोस्टमार्टम में भेजने का निर्णय किया तो परिवारीजन खुद अपनी शिकायत वापस लेते हुये बॉडी को अपने साथ लेकर वापस चले गये।