-अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे और भजन गायिका तृप्ति शाक्या ने किया स्तन कैंसर के प्रति जागरूक
-केजीएमयू के ऐंडोक्राइन सर्जरी विभाग ने जागरूकता माह के अवसर पर आयोजित किया कार्यक्रम
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। …जिन्दगी प्यार का गीत है इसे हर दिल को गाना पड़ेगा, जिन्दगी गम का सागर भी है हँस के उस पार जाना पड़ेगा… जी हां सौतन फिल्म में लता मंगेशकर का गाया यह गीत अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे पर फिल्माया गया था, आज लखनऊ की मेहमान रहीं पद्मिनी कोल्हापुरे ने खुद पर फिल्माये इसी गीत का मुखड़ा यहां अटल बिहारी कन्वेंशन सेंटर में स्तन कैंसर को लेकर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में अपने संदेश के रूप में गाकर सुनाया। केजीएमयू के ऐंडोक्राइन सर्जरी विभाग द्वारा कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि इसमें लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप (एलबीसीएसजी) की स्तन कैंसर को मात दे चुकीं 60 महिलाओं ने स्वयं स्टेज पर मॉडल की तरह उतरकर लाल रौशनी और मादक संगीत के बीच स्टेज पर फैशन वॉक किया और यह संदेश देने की कोशिश की कि हम किसी से कम नहीं। कार्यक्रम में भजन गायिका तृप्ति शाक्या ने भी शिरकत की, और अपना लोकप्रिय भजन …कभी राम बन के कभी श्याम बन के… और गीत एक प्यार का नगमा है गाकर हॉल में बैठे लोगों की तालियां बटोरीं।
लगभग पांच घंटे चले इस पूरे आयोजन के दौरान हॉल खचाखच भरा रहा, सभी के मन में फैशन वॉक को लेकर उत्सुकता थी, इस उत्सुकता को पद्मिनी कोल्हापुरे भी छिपा नहीं पायीं और उन्होंने इसका जिक्र अपने सम्बोधन में भी किया। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक ऐंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आनन्द कुमार मिश्र की तारीफ करते हुए कहा कि वह जिस तरह से अपने कार्य और व्यवहार दोनों में बहुत कुशल हैं। पद्मिनी कोल्हापुरे ने कहा कि यहां आकर मैं अपने को सौभाग्यशाली समझ रही हूं।
उन्होंने आह्वान किया कि अगर सभी मिलकर कार्य करें तो क्या नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने की जरूरत है उन्होंने यह भी कहा कि मेरी यह अपील है कि अगर कोई महिला स्तन कैंसर का शिकार हो जाती है तो उसके सास, ससुर, पति व सभी घरवालों को उसका हौसला बढ़ाना चाहिये, ताकि वह इस बीमारी को हरा सके। पद्मिनी कोल्हापुरे ने कहा कि जैसा कि मैंने पढ़ा भी है कि तनाव कैंसर का एक बड़ा कारण होता है इसलिए मेरी गुजारिश है कि तनाव रहित रहें, खुश रहें और खुशी दें। उन्होंने कहा कि मेडीटेड के साथ मेडीकेट भी करें।
भजन गायिका तृप्ति शाक्या ने अपने सम्बोधन में कहा कि कैंसर अब असाध्य नहीं है लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि इसका पता जल्दी से जल्दी लग जायें इसलिए समय-समय पर इसकी जांच कराते रहें। उन्होंने कहा कि जिन्हें स्तन कैंसर हो गया है वे इसका इलाज कराते रहें, इसका इलाज अब लखनऊ में भी उपलब्ध है। तृप्ति ने भी डॉ आनन्द कुमार मिश्र का आभार जताया कि उन्होंने इस नेक कार्यक्रम में उन्हें बुलाया। उन्होंने भी कैट वाक के प्रति अपनी उत्सुकता जाहिर की।
विधायक बाबा गोरखनाथ ने अपने चुटीले अंदाज में सम्बोधन से लोगों को हंसने पर मजबूर किया। यहां तक कि अपने सम्बोधन में पद्मिनी कोल्हापुरे ने विधायक के बोलने के अंदाज की प्रशंसा भी की। कार्यक्रम को केजीएमयू के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट, उप कुलपति प्रो मधुमति गोयल, सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष रह चुके प्रो रमाकांत, अयोध्या के मिल्कीपुर के विधायक बाबा गोरखनाथ, प्रो आनंद कुमार मिश्र ने भी सम्बोधित किया।
एमबीबीएस की बीटा टीम व पैरामेडिकल की स्ट्रेंथ टीम को नाटक प्रस्तुति में पहला स्थान
इस समारोह में स्किट कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इसमें एमबीबीएस तथा पैरामेडिकल के विद्यार्थियों द्वारा छोटे-छोटे नाटकों के जरिये जागरूक किया गया। इसमें एमबीबीएस की चार टीम ए पॉज़िट्रॉन, टीम बी अल्ट्रॉन, टीम सी बीटा तथा टीम डी गामा ने भाग लिया तथा पैरामेडिकल की चार टीमें स्ट्रेंथ, पॉजिटिविटी, होप और फेथ ने नाटकों से संदेश दिया इनमें एमबीबीएस की टीम सी बीटा ने और पैरामेडिकल की टीम स्ट्रेंथ ने पहला स्थान हासिल कर 11 हजार रुपये की धनराशि जीतकर पद्मिनी कोल्हापुरे के हाथ से इनाम पाये।
समारोह में लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप का लोगो, जो अंजना मिश्रा ने तैयार किया है, को पद्मिनी कोल्हापुरे व अनामिका भट्ट ने लॉन्च किया। इसके अतिरिक्त अवि अवस्थी तथा अंकुर वर्मा द्वारा निर्देशित ब्रेस्ट कैंसर पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।