बिना रजिस्टे्रशन अस्पताल या क्लीनिक चलाना मुश्किल: डॉ. बाजपेई
लखनऊ। शहर में नियमों को दरककिनार कर रहे निजी अस्पताल, क्लीनिक, पैथालॉजी सेंटर व अल्ट्रासाउंड केंद्रों का संचालन करना अब मुश्किल हो जायेगा। अगर किसी भी अस्पताल या क्लीनिक का नवीनीकरण नही हुआ है तो समय रहते नवीनीकरण करा लें , इसके लिए ऑन लाइन फार्म पर औपचारिकताएं पूर्ण करनी होंगी। अन्यथा छापे मारी के दौरान अपंजीकृत मानकर कानूनी कार्रवाई की जायेगी। यह जानकारी बुधवार को मुख़्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.जे. एस बाजपेई ने अपने कार्यालय में दी।
सीएमओ डॉ.बाजपेई ने कहा कि पंजीकरण व नवीनीकरण के नियमों में बहुत ढि़लाई दी जा चुकी है, इसके अलावा छापेमारी के दौरान पंजीकरण भी नहीं मिलता है। बीते दिनों कई अस्पतालों में नवीनीकरण भी नही मिला है। उन्होंने बताया कि एक मई से पंजीकरण व नवीनीकरण का कार्य शुरू हो चुका है, ऑन लाइन फार्म उपलब्ध हैं, जिसे भरने के साथ ही जरूरी मानकों के प्रपत्र के साथ ऑन लाइन ही भेजना है । अगर कोई प्रपत्र कम होगा तो उसे लिफाफे से पत्र द्वारा सूचित किया जायेगा, जिसे एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराकर पंजीकरण या नवीनीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करानी होगी, अन्यथा उसे अपंजीकृत मानकर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि बीते दिनों छापेमारी के दौरान हास्पिटल में वेस्ट मेनेेजमेंट का उचित अनुपालन नही मिला जबकि प्रपत्र सभी के पास थे। अब ये नही चलेगा और कागजों के साथ वास्तविकता भी देखी जायेगी।
डॉ.बाजपेई ने बताया कि बीते दिनों छापे मारी के दौरान अस्पताल , पैथोलॉजी के बोर्ड पर कई नामी डॉक्टरों के नाम दर्ज मिले, पूछने पर ज्ञात हुआ कि समय से कोई भी अस्पताल नहीं आता है। अस्पताल प्रशासन भी कन्नी काटने लगा,एेसे में अस्पतालों व डॉक्टरों की सूची तैयार की गई हैं,इसके अलावा नई सूचियां भी तैयार की जा रही हैं। अस्पताल के बोर्ड पर नाम दर्ज कराने वाले सभी डॉक्टरों के नामों की सूची स्टेट मेडिकल फेकल्टी को भेजी जा रही हैं और भविष्य में भी भेजी जाती रहेंगी ताकि कोई डॉक्टर अपना नाम न बेंच सके, और नामी डॉक्टर के नाम से अस्पताल संचालक मरीजों को ठग न सके। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड केंद्र प्रतिमाह जांच कराने वाली गर्भवती महिलाओं की सूची,नाम-पता समेत प्रस्तुत करेंगे, इसके अलावा तीन माह तक रिपोर्ट न भेजने वाले सेंटर को अंपजीकृत माना जायेगा।
किराये के मकान में चल रहें अस्पताल मालिकों को भी जायेगी नोटिस
डॉ. बाजपेई ने बताया कि अगर कोई अस्पताल किराये के मकान में चल रहा है और छापे के दौरान अनियमित्ताएं पाई गईं तो अस्पताल की शक्ल में मकान भी सील किया जायेगा। इसलिए मकान मालिकों को भी निर्धारित एेफिडेविट पर सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि उनके मकान में पंजीकृत अस्पताल चल रहा है या नहीं। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ व डॉक्टरों के नामों आदि की निगरानी के लिए क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट व इंजीनियरों की टीम को भी अधीकृत किया गया है।