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नेता और चिकित्सक दोनों को धैर्य रखना जरूरी : संदीप सिंह

स्मारिका का विमोचन करते चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह व अन्य।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा है कि चिकित्सक और नेता दोनों का ही पेशा धैर्य रखने वाला है, लेकिन हम लोग यानी नेताओं की अपेक्षा चिकित्सक के पेशे में धैर्य की कमी बिल्कुल नहीं होनी चाहिये। उन्होंने चिकित्सकों से धैर्यता पूर्वक मरीज की बात सुनने का आह्वïान किया। उन्होंने कहा कि आपका व्यवहार मरीजों के प्रति अच्छा होना चाहिये।

केजीएमयू में फीजियोलॉजी विभाग का स्थापना दिवस मनाया गया

संदीप सिंह आज यहां किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय के फीजियोलॉजी विभाग के 106वें स्थापना दिवस के अवसर पर सेल्बी हॉल में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि केजीएमयू का उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान है, कुलपति प्रो. भट्ट के नेतृत्व में आप लोग अच्छा काम करके इसे देश ही नहीं विदेश में प्रथम स्थान दिलायें। उन्होंने कहा कि फीजियोलॉजी विभाग की ओर से रखी गयी मांगों को सरकार से पूरा कराने की पूरी कोशिश होंगे। फीजियोलॉजी में नये माइक्रोस्कोप के साथ ही ट्रेंड टेक्नीशियंस, सीनियर रेजीडेंट्स की तैनाती की मांग की गयी है।

ऊर्जावान तो मोदी और योगी : कुलपति 

इससे पूर्व कुलपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऊर्जा के स्रोत हैं, हम सभी उन्हीं से ऊर्जा ले रहे हैं। कुलपति ने यह बात उनको मंच पर बुलाते समय उन्हें ऊर्जावान बताये जाने के संदर्भ में कही। उन्होंने कहा कि अगर हम अनुशासन की सीमा निर्धारित करेंगे तो विकास को कोई रोक नहीं सकेगा। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं का आह्वïान करते हुए कहा कि आप लोग अपना स्वास्थ्य ठीक रखें, यह उम्र ऐसी है जिसमें अगर स्वास्थ्य खराब हो गया तो विकास अवरुद्ध हो जायेगा।
इस अवसर पर प्रो. आरसी शुक्ला व्याख्यान अन्ना यूनिवर्सिटी के नेशनल हब फॉर हेल्थकेयर इंस्ट्रूमेंटेशन डेवलपमेंट  के कोऑर्डीनेटर प्रो. के शंकरन ने प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि अब ईसीजी, ब्लड प्रेशर आदि के नापने और उसका रिकॉर्ड रखने के लिए ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स आ गये हैं जिनसे छात्रों को सीखने का बेहतर अवसर मिलेगा। पहले के बने उपकरण बहुत बड़े होते थे जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में बहुत कठिनाई होती है, जबकि नये उपकरण छोटे हैं जिन्हें आराम से कहींं भी ले जाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बनाये गये हब का उद्देश्य शैक्षिक संस्थानों, वित्तीय सहायता देने वाले साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग  तथा उपकरण बनाने वाली कम्पनियों के बीच बेहतर तालमेल बनाना है। उन्होंने बताया कि इस तरह के कई और उपकरण हैं जिन्हें शैक्षिक संस्थानों में उपयोग में लाकर शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम में अंत में धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए प्रो. नीना ने आये हुए लोगों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर डॉ. नरसिंह वर्मा, डॉ श्रद्धा सिंह, डॉ मनीष बाजपेई सहित अनेक चिकित्सक, छात्र-छात्राएं व कर्मचारी उपस्थित थे।

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