0 लोहिया अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी कर्मचारियों ने किया अस्पताल की सेवाओं में ही रहने का फैसला
0 लोहिया संस्थान और अस्पताल के विलय होने की स्थिति में शर्तें बदलने से खफा है लोहिया अस्तित्व बचाओ मोर्चा
0 चरणबद्ध तरीके से 12 सितम्बर से किये जाने वाले आंदोलन की तारीखों का ऐलान, 7 अक्टूबर से पूर्ण हड़ताल
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में कार्य करने वाले नर्स व सभी पैरामेडिकल कर्मचारियों के लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा ने लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक की वादाखिलाफी से क्षुब्ध होकर प्रतिनियुक्ति पर न जाने का फैसला किया है, इन कर्मचारियों ने यह तय किया है कि हम लोग अस्पताल के ही कर्मचारी रहेंगे, तथा इसी रूप में हमारा समायोजन किया जाये। मोर्चा ने ऐलान किया है कि इस सम्बन्ध में कोई निर्णय न लिये जाने की स्थिति में आगामी 12 सितम्बर से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा, जिसके तहत 7 अक्टूबर से इमरजेंसी सहित सभी सेवा को बाधित करते हुए हड़ताल की जायेगी।
लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष देशदीपक त्रिपाठी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को मोर्चा की बैठक में सभी संवर्ग के कर्मचारियों ने संस्थान में न जाकर अस्पताल के कर्मचारी बने रहने का विकल्प चुना है। उन्होंने कहा है कि यह निर्णय लोहिया संस्थान के निदेशक द्वारा अपने निर्णय पर टिके न रहकर पूर्व में किये गये वादे के विपरीत नयी शर्तें थोपने के चलते लिया गया है।
आपको बता दें कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय का विलय किये जाने का निर्णय लिया जा चुका है। अस्पताल के कर्मचारियों से विकल्प मांगा गया था कि वे संस्थान में रहना चाहते हैं या अस्पताल में। अध्यक्ष ने बताया कि दो वर्ष पूर्व संस्थान के निदेशक ने हम लोगों को यह लिखित आश्वासन दिया था कि विलय होने की स्थिति में कर्मचारियों के समायोजित या प्रतिनियुक्ति पर आने की स्थिति में उनका वेतन संरक्षित रहेगा। उन्हें संजय गांधी पीजीआई के अनुसार वेतन देय होगा।
अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि लेकिन पिछले दिनों संस्थान के निदेशक द्वारा जारी पत्र में सेवा शर्तों को बदल दिया गया है, सेवा शर्तों में बदलाव होने की स्थिति में सभी कर्मचारियों ने तय किया है कि हम संस्थान की सेवाओं में नहीं जाना चाहते हैं, हमारा समायोजन दूसरे अस्पतालों में कर दिया जाये।
अध्यक्ष देशदीपक त्रिपाठी ने बताया कि इस सम्बन्ध में हम लोगों की मांग पर ध्यान न दिये जाने की स्थिति में 12 सितम्बर से 19 सितम्बर तक काला फीता बांधकर विरोध जताया जायेगा। इसके बाद भी अगर मांग न मानी गयी तो 20 सितम्बर से 28 सितम्बर तक रोज सुबह साढ़े आठ बजे से नौ बजे तक गेट मीटिंग कर शासन का ध्यान आकर्षित कराया जायेगा। इसके बाद भी अगर ध्यान न दिया गया तो 30 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक रोज दो घंटे सुबह 8 से 10 बजे तक कार्य बहिष्कार किया जायेगा, और फिर भी अगर शासन नहीं चेता तो 7 अक्टूबर से इमरजेंसी सेवाओं सहित सभी सेवाओ की पूर्ण हड़ताल की जायेगी।
बैठक में मुख्य रूप से मोर्चा के महामंत्री प्रदीप नायक, मंजू सिंह, प्रेमशीला तिवारी, अनीता सिंह, अनुसुईया, आशा कुशवाहा, नरेन्द्र सिंह, दिवाकर सिंह, राम मनोहर कुशवाहा, राजेश शुक्ला, विवेकानंद शुक्ल, एपी सिंह, वीपी सिंह, डीएस पाण्डेय, कुसुमाकर पाण्डेय, डीपी मिश्र, प्रशान्त विश्वास, एनए वारसी, बीना मौर्या, उर्मिला सिंह, नौहीना शाहीन, अनिल चौधरी सहित अनेक पदाधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।