०उत्तर प्रदेश का पहला संस्थान जहां डीबीएस तकनीक से होगा ऑपरेशन
०50 वर्ष से ज्यादा की आयु वालों में अक्सर पायी जाती है यह समस्या
लखनऊ। आपने अक्सर देखा होगा कि आयु बढ़ने पर बहुत से लोगों के हाथ कांपने लगने लगते हैं, यह पार्किन्सन के लक्षण हैं, पार्किन्सन, डिस्टोनिया और ट्रेमर जैसी बीमारियों के शिकार मरीजों को ब्रेन स्टिम्यूलेटर तकनीक से ऑपरेशन से इलाज करने की सुविधा संजय गांधी पीजीआई में शुरू होने जा रही है। अभी तक यह सुविधा दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उपलब्ध थी, लेकिन अब एसजीपीजीआई में भी यह सुविधा होने से लोगों को आसान हो जायेगा। संजय गांधी पीजीआई उत्तर प्रदेश का पहला संस्थान बनेगा जहां डीप ब्रेन स्टिम्यूलेटर (डीबीएस) तकनीक के जरिए मूवमेंट डिसऑर्डर का दूर किया जाएगा। यह बीमारी मुख्य रूप से 50 वर्ष की उम्र से ज्यादा वाले लोगों में पायी जाती है।
आपको बता दें कि इस तकनीक में डेप्थ इलेक्ट्रोड रिकॉर्डिंग सिस्टम व इलेक्ट्रोकॉर्टिकोग्राफी जैसे आधुनिक उपकरणों से युक्त न्यूरोनेविगेशन के जरिये मस्तिष्क की सामान्य संरचना को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए इलेक्ट्रोड (डिवाइस) को मस्तिष्क में प्रत्यारोपित किया जाता है।
एसजीपीजीआई में इस सुविधा के शुरू होने की जानकारी संस्थान में शनिवार को आयोजित एक संगोष्ठी में न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ पवन वर्मा ने दी। आपको बता दें कि शरीर के अंगों की कार्यप्रणाली दिमाग से नियंत्रित होती है। कई बार दिमाग के एक हिस्से में परेशानी होने पर उससे नियंत्रित होने वाले अन्य अंगों की गति कम या अधिक हो जाती है, जिसे डॉक्टरी भाषा में मूवमेंट डिसऑर्डर कहते हैं।
डॉ पवन ने बताया कि संजय गांधी पीजीआई में पार्किंसंस, डिस्टोनिया और ट्रेमर बीमारी से पीड़ित मरीजों का हम लोग पीजीआई में इलाज शुरू करने जा रहे हैं, सारी तैयारियां हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि शरीर में कंपन, अकड़न, सिर व गर्दन का न झुक पाना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक इसका इलाज दवाओं से किया जाता रहा है। लेकिन दवाओं का साइड इफेक्ट भी होता है, यही नहीं जब लम्बी अवधि तक ये दवायें चलती हैं तो एक स्थिति यह भी आती है कि दवायें काम करना बंद कर देती हैं, इसलिए ऐसे मरीजों का इलाज अब ऑपरेशन करके किया जाएगा।
संगोष्ठी में मौजूद अन्य न्यूरो सर्जन प्रो. संजय बिहारी, प्रो. पवन वर्मा, प्रो. वेद प्रकाश, डॉ. केके दास ने बताया कि हाथ, पैर समेत शरीर के अन्य अंगों में कंपन, अकड़न, सिर, गर्दन और शरीर के झुकने से साथ चलने में दिक्कत न्यूरो की बीमारी के लक्षण हैं। इन्हें ही पार्किंसंस, डिस्टोनिया और ट्रेमर के नाम से जाना जाता है।