आईएमए के आह्वान पर चिकित्सकों ने अपने-अपने हॉस्पिटल, नर्सिंग होम बंद रखे
लखनऊ। केंद्र सरकार द्वारा लाये गये नेशनल मेडिकल कमीशन बिल-2019 के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को डॉक्टर हड़ताल पर रहे। बुधवार सुबह 6 बजे से शुरू हुई यह हड़ताल गुरुवार की सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं बंद हैं। इस दौरान डॉक्टरों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया। आईएमए की स्टूडेंट विंग ने गोमती नगर में समता मूलक चौराहा पहुंचकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
आज यहां रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आईएमए भवन पर चिकित्सकों ने एकत्रित होकर बिल के विरोध में नारेबाजी की। बाद में एक बैठक कर सदस्यों ने इस बिल पर अपना-अपना विरोध जताया। बिल के अलोकतांत्रिक एवं तानाशाही प्रावधानों पर रोष जताया गया। बैठक में कहा गया कि इस बिल के जरिये आने वाले समय में गरीब का स्वास्थ्य अधकचरे ज्ञान वाले, झोलाछाप के हवाले कर दिया जायेगा। ऐसी स्थिति में कई तरह की परेशानियां आयेंगी। गांव के गरीब लोगों पर इसका असर पड़ेगा।
यह भी कहा गया कि इसी प्रकार निजी मेडिकल कॉलेज को 50 प्रतिशत सीटों पर मनमाने तरीके से फीस निर्धारण का अधिकार देने से मेडिकल शिक्षा महंगी हो जायेगी। इसके अलावा अभी तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में जाने-माने प्रोफेसर, चिकित्सक देश की चिकित्सा शिक्षा के मानक तय करते थे, परन्तु एनएमसी बिल में चिकित्सक का प्रतिनिधित्व नगण्य है, और अफसरशाही पूर्ण रूप से नियंत्रित रखेगी, जिससे चिकित्सा शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। बैठक में सरकार से बिल को वापस लिये जाने की मांग की गयी।
बैठक में यहां उपस्थित होने वालों में आईएमए यूपी के अध्यक्ष डॉ एएम खान, आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह, सचिव डॉ जेडी रावत, पूर्व अध्यक्ष डॉ पीके गुप्ता, आईएमए लखनऊ की प्रेसीडेंट इलेक्ट डॉ रमा श्रीवास्तव,श्रीवास्तव, डॉ मनोज अस्थाना, डॉ राकेश श्रीवास्तव, डॉ संजय निरंजन, डॉ रीतू सक्सेना, डॉ सरिता सिंह, डॉ मनीष टंडन, डॉ बीपी सिंह,सिंह, डॉ डीके वत्सल सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित रहे।
दूसरी ओर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेजीडेंट डॉक्टरों ने भी एनएमसी बिेल पर विरोध जताते हुए केजीएमयू परिसर में प्रदर्शन किया।