अजंता हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर पर चल रहा एक माह का फ्री डेंटल चेकअप कैम्प
लखनऊ। आमतौर पर हमें दांत के डॉक्टर के पास तब जाते हैं जब हमारे दांतों में दर्द में होने लगता हैं, और दर्द तब होता है जब स्थिति थोड़ी खराब हो चुकी होती है, इसलिए अगर लोग हर छह माह पर दांतों को चेक करा लें तो जहां वह दर्द से बच जायेंगे वहीं दांतों की स्थिति खराब होने से भी बच जायेगी। क्योंकि रोग को डेंटिस्ट शुरुआती स्टेज में ही पकड़ लेगा।
यह बात अजंता हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर की डेंटिस्ट डॉ फैजिया रहमान ने अस्पताल में चल रहे एक माह के फ्री डेंटल कैम्प की जानकारी देते हुए ‘सेहत टाइम्स‘ से विशेष बातचीत में कही। आपको बता दें कि अजंता हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर में 27 जून से 26 जुलाई (रविवार के अतिरिक्त) तक पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह 2 बजे तक फ्री डेंटल कैम्प चल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में दांतों की बीमारियां जेनेटिक होती हैं, कुछ लोगों के दांतों पर पर्यावरण का असर ज्यादा पड़ता है, यानी कुछ लोगों में दांतों के प्रति संवेदनशीलता ज्यादा होती है तो ऐसे में उन्हें दांतों की बीमारियां ज्यादा होती हैं। ऐसे में डॉक्टर से कंसल्टेशन लेने में होने वाली दिक्कतों से वे बच सकते हैं।
डॉ फैजिया ने बताया कि बहुत से लोग ऐसे होते हैं कि जो सोचते हैं कि दांत निकलवा देंगे, लेकिन इसी तरह से दांत निकलवाते रहे तो खायेंगे कैसे, और खायेंगे नहीं तो कैसे शरीर की आवश्यकतायें पूरी होंगी। यह कहने पर कि डेन्चर भी तो विकल्प हो सकता है, इस पर उनका कहना था कि नकली चीज नकली ही होती है वह असली के बराबर काम नहीं कर सकती। डेन्चर से चबाने में और असली दांतों से चबाने में बहुत फर्क होता है।
डॉ फैजिया ने बताया कि इसी प्रकार बच्चों में सफाई की आदत शुरू से डलवानी चाहिये। बच्चे के दांत नहीं निकले हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसके मसूढ़ों को भी सफाई की जरूरत नहीं है, उसके मसूढ़ों को सफाई की बहुत जरूरत होती है, इसके लिए दूध पिलाने के बाद गीले कॉटन से उसके मसूढ़े साफ कर देने चाहिये।
डॉ फैजिया ने बताया कि इसी प्रकार जब बच्चे थोड़े बड़े हो जायें तो उन्हें कुल्ला करना सिखायें, कई बार ऐसा होता है कि बच्चे कुल्ला नहीं कर पाते हैं और वह पानी पी जाते हैं इसके लिए उन्हें खेल-खेल में मस्ती करते हुए खुद करें और फिर उससे उसी तरह से करने को कहें। इससे वह कुल्ला करना सीख जायेगा। उन्होंने कहा कि फिर जब उनके दांत निकल आयें तो उन्हें सुबह और रात दो बार ब्रश करने की आदत शुरू से ही डलवायें।