लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से आज विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री (स्वास्थ्य, पुष्टाहार एवं जनसंख्या) जार्ज कोरास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की। चर्चा के दौरान विश्व बैंक के विशेषज्ञों ने प्रदेश के 10 चिकित्सालयों के ओपीडी तथा आपातकालीन सेवाओं का सुदृढ़ीकरण कराए जाने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधियों ने आश्वस्त किया कि पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर 10 अस्पतालों के ओपीडी और इमरजेंसी सेवाओं को और उत्कृष्ट बनाया जाएगा और इसकी सफलता को देखते हुए भविष्य में अन्य अस्पतालों में भी इसे लागू किया जाएगा।
-विश्व बैंक ने दिया उप्र सरकार को मदद का आश्वासन
–स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल ने
–स्वास्थ्य बीमा योजना में भी सहयोग का आश्वासन
–2019 तक बढ़ सकता है यूपीएचएसडीपी का कार्यकाल
चर्चा के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने उप्र में संचालित उप्र हेल्थ सिस्टम डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट (यूपीएचएसडीपी) के कार्यकाल को वर्ष 2019 से आगे बढ़ाने की अपेक्षा की है। उल्लेखनीय है कि यूपीएचएसडीपी स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के कार्य कर रही है और प्रदेश के अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
विश्व बैंक के प्रतिनिधिमण्डल ने स्वास्थ्य बीमा योजना के क्षेत्र में भी हर सम्भव सहयोग देने का आश्वासन दिया। विशेषज्ञों ने कहा कि उप्र एक बड़ी आबादी वाला प्रदेश है। स्वास्थ्य सेवाओं को आम जनता खासतौर से जरूरतमंदों तक पहुंचाने में विश्व बैंक कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगा। विश्व बैंक की टीम का नेतृत्व वरिष्ठ अर्थशास्त्री जार्ज कोरासा कर रहे थे, जबकि टीम में बी अमिथ नागराज सहित अन्य सदस्य शामिल थे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा, सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य बी हेकाली झिमोमी, आलोक कुमार, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पद्माकर सिंह सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।